राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका, लाखों लोगों को अब नहीं मिलेगा राशन, कार्ड हुआ ब्लॉक

छत्तीसगढ़ सरकार ने 34 लाख से अधिक अपात्र राशन कार्डधारियों के कार्ड ब्लॉक करने का फैसला किया है, जिससे योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंच सके।

Abhishek Singh
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छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए राज्य के 34 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के कार्ड ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। इसके चलते अब ये लोग शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन नहीं ले सकेंगे। यह फैसला उन लाभार्थियों पर सीधी कार्रवाई है, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं आते या जिन्होंने गलत तरीके से कार्ड बनवाए हैं। सरकार का मानना है कि इससे फर्जी और अपात्र कार्डधारियों पर रोक लगेगी, और वास्तविक जरूरतमंदों को ही योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। शासन का यह निर्णय खाद्य सुरक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में कुल 81 लाख लाभार्थी

प्रदेश में कुल 81 लाख 63 हजार 666 राशन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें शामिल पंजीकृत सदस्यों की संख्या 2 करोड़ 73 लाख 61 हजार 287 है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 34 लाख 95 हजार 058 लाभार्थी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं। फिलहाल, विभाग द्वारा दो अलग-अलग माध्यमों से ई-केवाईसी कराए जाने की व्यवस्था की गई थी।

ऑनलाइन ई-केवाईसी प्रक्रिया को आमतौर पर सरल और त्वरित माना जाता है, क्योंकि इसे लाभार्थी अपने घर से ही आसानी से पूरा कर सकते हैं।

ऑफलाइन ई-केवाईसी प्रक्रिया में पहचान की पुष्टि के लिए भौतिक दस्तावेजों का सहारा लिया जाता है, जैसे आधार कार्ड की फोटो प्रति या अन्य वैध पहचान प्रमाण प्रस्तुत करना।

सरकारी निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक राशन कार्डधारी सदस्य के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य था। जो लाभार्थी निर्धारित समयसीमा में ई-केवाईसी नहीं करा सके हैं, उन्हें अब अपात्र की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे सदस्यों के नाम ऑनलाइन प्रणाली में ब्लॉक कर दिए जाएंगे। इसके बाद केवल उन्हीं पंजीकृत सदस्यों को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन उपलब्ध कराया जाएगा, जिन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है।

योजना का लाभ सही हाथों तक

ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से आधार कार्ड को राशन कार्ड से जोड़ा जाता है और बायोमेट्रिक सत्यापन—जैसे फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन—के जरिए लाभार्थी की पहचान की पुष्टि की जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राशन का वितरण केवल वास्तविक और पात्र व्यक्तियों को ही किया जाए।

अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, डुप्लीकेट कार्ड होंगे खत्म

eKYC के ज़रिए सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल सही और पात्र लाभार्थियों को ही राशन का लाभ प्राप्त हो। अक्सर देखा गया है कि एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक राशन कार्ड बने होते हैं या ऐसे लोगों के नाम पर राशन वितरित होता है जो वास्तव में मौजूद नहीं होते। ई-केवाईसी प्रणाली ऐसे फर्जीवाड़ों और अनियमितताओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जानकारी होगी अब और सटीक

ई-केवाईसी प्रक्रिया से लाभार्थियों की जानकारी अधिक सटीक और अद्यतन हो जाती है, जिससे सरकार को योजनाएं बेहतर ढंग से तैयार करने और संसाधनों का प्रभावी तरीके से वितरण करने में सहायता मिलती है।

ई-केवाईसी डिजिटल सत्यापन की एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसमें आधार से लिंक मोबाइल नंबर के माध्यम से लाभार्थी की पहचान की पुष्टि की जाती है। यह प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि लाभार्थी न केवल वास्तविक और जीवित है, बल्कि सरकारी योजनाओं के लिए पात्र भी है या नहीं। इसके जरिए फर्जी, मृत या एक ही व्यक्ति के नाम पर बने कई राशन कार्डों का आसानी से पता लगाकर उन्हें सूची से हटाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि हर राशन कार्डधारी परिवार के सभी सदस्यों का बायोमेट्रिक सत्यापन कराना अनिवार्य है। यदि यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती, तो संबंधित राशन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा और लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। राज्य सरकार द्वारा संचालित इस योजना के तहत पूर्व में ई-केवाईसी की अंतिम तिथि दो बार बढ़ाई जा चुकी है, इसलिए 30 जून की डेडलाइन को अंतिम माना जा रहा है।