
भोपाल शहर में सरकारी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर रोड निर्माण की निगरानी तक अब ड्रोन तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाएगा। जल्द ही शहर के आसमान में सरकारी ड्रोन उड़ते हुए नजर आएंगे, जो जिले के विभिन्न प्रशासनिक कार्यों जैसे सर्वे, निगरानी और योजना बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
शासन की पहल से जिला प्रशासन में इसके लिए एक समर्पित ड्रोन विंग भी स्थापित किया जा रहा है, जिससे सरकारी कामों की गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार होगा।

ड्रोन विंग के गठन से बढ़ेगी प्रशासनिक दक्षता
प्रशासनिक कामों में ड्रोन का समावेश आने वाले दिनों में अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया के तहत एक सक्षम एजेंसी का चयन अगले 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कर्मचारी और अधिकारी उच्च स्तरीय मामलों में भ्रमित नहीं होंगे, जिससे संबंधित हितग्राहियों को सही और त्वरित सेवाएं मिल सकेंगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह के अनुसार, शासन स्तर पर ड्रोन तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जो जनसुविधाओं और परियोजनाओं की मॉनिटरिंग को अधिक प्रभावी बनाएगा।
ड्रोन के जरिए होंगे ये महत्वपूर्ण कार्य
ड्रोन का उपयोग लैंड रिकॉर्ड के सर्वेक्षण, संपत्ति अधिकारों की जांच, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण, फसल की स्थिति का आकलन, गिरदावरी रिकॉर्ड की वैरिफिकेशन, जमीन अधिग्रहण से संबंधित सर्वे, अतिक्रमण की निगरानी, सिटी ट्रैफिक प्लानिंग, रेरा के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की मैपिंग और निरीक्षण, पीडब्ल्यूडी के रोड निरीक्षण, रोड एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की पहचान, माइनिंग क्षेत्रों में क्षेत्रफल मापन, जल स्रोतों की स्थिति जांच आदि कई अहम कार्यों में होगा। इन कार्यों से प्रशासन की कार्यकुशलता और निगरानी क्षमता में अभूतपूर्व सुधार आएगा।
वर्तमान स्थिति और ड्रोन विंग के बनने के बाद बदलाव
वर्तमान में विभिन्न विभाग अपनी जरूरत के अनुसार अलग-अलग ड्रोन का उपयोग करते हैं, जिससे कई मामलों में समन्वय की कमी रहती है और आकाशीय सर्वेक्षण में दिक्कत आती है। नए ड्रोन विंग के गठन के बाद, प्रशासन हर स्तर पर प्रभावी आकाशीय निगरानी कर सकेगा। पुलिस और प्रशासन के ड्रोन दल मिलकर लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में बेहतर सहयोग करेंगे। माइनिंग क्षेत्र जैसे दूरदराज इलाकों में अधिकारी ड्रोन के जरिए निगरानी रख सकेंगे। साथ ही, जमीन अधिग्रहण और सीमांकन संबंधी कार्य भी अधिक सटीक और आसान हो जाएंगे।
एआई आधारित तकनीक से विवादों में कमी और सटीक रिकॉर्डिंग
ड्रोन के जरिए आकाशीय सर्वेक्षण अब एआई (Artificial Intelligence) आधारित तकनीक के साथ होगा, जिससे जमीन और संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड सटीक और विश्वसनीय बनेंगे। इससे विवादों की संभावना कम होगी और जमीन संबंधी कई कानूनी टकराव समाप्त हो सकेंगे। यह तकनीक प्रशासन के काम को पारदर्शी और त्वरित बनाएगी, जिससे जनता को बेहतर सेवा मिलेगी।