
Teachers Salary : राज्य के शिक्षक-कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है।हजारों प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। राज्य हाई कोर्ट ने वेतन में कटौती और अतिरिक्त राशि की वसूली पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया है कि शिक्षकों को उनका वेतन उनके नियमितीकरण की तिथि से फिर से निर्धारित किया जाए। यह फैसला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की एकलपीठ के न्यायाधीश ने सुनाया है।
शिक्षकों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उन्होंने अतिरिक्त राशि की वसूली पर भी रोक लगा दी है। याचिका के मुताबिक शिक्षक टीजीटी पद पर अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए थे। हिमाचल सिविल सेवा (संशोधित वेतन नियम) 2012 के तहत 24 अगस्त 2012 को उनकी सेवाएं नियमित हो गई थी।

अतिरिक्त राशि की वसूली पर भी रोक
टीजीटी पद को नियमों के अनुसूची में 27 जुलाई 2012 से प्रभावी रूप से शामिल किया गया था। जिसके अनुसार वह प्रारंभिक वेतन के हकदार थे लेकिन विभाग ने 2016 में एक आदेश जारी किया था। जिसके तहत उनके प्रारंभिक वेतन को 14430 से घटाकर 13900 रूपए कर दिया गया और पहले से भुगतान की गई राशि की वसूली भी शुरू कर दी गई थी।
अब 26 जुलाई 2016 के आदेश को निरस्त करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि टीजीटी श्रेणी को 2012 नियम के तहत वेतनमान का अधिकार है। वेतन पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया नियमितीकरण की तिथि से लागू की जाएगी। पूर्व में दी गई अतिरिक्त राशि की वसूली पर भी रोक लगाई गई है। वैसे शिक्षक जो वसूली नोटिस से मानसिक और आर्थिक रूप से दबाव में थे। ऐसे शिक्षकों को हाई कोर्ट के इस फैसले से राहत मिली है।