
भोपाल मेट्रो परियोजना के शेष कार्यों को अब तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। सभी निर्माण और तकनीकी कार्यों को सितंबर तक समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद अक्टूबर या नवंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेट्रो सेवा का शुभारंभ किया जा सकता है।
फिलहाल एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। विशेष रूप से इन स्टेशनों की प्रवेश और निकास व्यवस्थाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मेट्रो के प्रबंध निदेशक एस. कृष्ण चैतन्य प्रत सप्ताह कार्य प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मेट्रो डिपो और विभिन्न स्टेशनों का निरीक्षण किया। डिपो में रैम्प, कंट्रोल रूम, ट्रेनिंग बिल्डिंग, टेस्ट ट्रैक और मेंटेनेंस बे जैसी संरचनाओं का जायजा लिया गया और संबंधित अधिकारियों को कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
अब पूरा ध्यान इस पर केंद्रित है कि निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी कार्य पूर्ण हों, ताकि भोपाल में मेट्रो सेवा का शुभारंभ समय पर किया जा सके।
ऑपरेशन से पहले मेट्रो का होगा डबल-लेवल इंस्पेक्शन
इंदौर में 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेट्रो का वर्चुअल लोकार्पण किया गया था। अब ध्यान भोपाल मेट्रो पर केंद्रित है। भोपाल मेट्रो डिपो के अपूर्ण कार्यों के साथ-साथ एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर एंट्री-एग्जिट, सिविल स्ट्रक्चर, सिस्टम इंस्टॉलेशन, रोलिंग स्टॉक, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सिग्नलिंग तथा स्टेशन के आंतरिक और बाहरी विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इन सभी कार्यों को अगस्त-सितंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके बाद भोपाल मेट्रो की तकनीकी जांच रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) की टीम द्वारा की जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज पहले ही प्रस्तुत किए जा चुके हैं। RDSO से मंजूरी मिलने के पश्चात, कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम द्वारा अंतिम निरीक्षण किया जाएगा। जब यह निरीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा और ओके रिपोर्ट मिल जाएगी, तभी भोपाल मेट्रो में यात्री सेवाओं की शुरुआत संभव हो पाएगी।
मेट्रो मार्ग पर जल निकासी की समीक्षा तेज
एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने ठेकेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मेट्रो निर्माण स्थलों पर जल निकासी प्रणाली को व्यवस्थित और प्रभावी बनाया जाए, ताकि बारिश के समय कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि जलभराव जैसी स्थिति से बचने के लिए पहले से आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।