
MP Tourism : जैसे ही मध्यप्रदेश की धरती पर पहली बारिश की बूँदें गिरती हैं, पूरा प्रदेश हरियाली की चादर ओढ़ लेता है। इस मौसम में राज्य की कुछ खास जगहें किसी कल्पना लोक जैसी दिखने लगती हैं, खासकर सतपुड़ा की वादियां, पचमढ़ी की सुरम्यता और मांडू की ऐतिहासिक खूबसूरती। मॉनसून की नमी इन स्थलों को एक नई जान दे देती है, जो प्रकृति प्रेमियों और ट्रैवल के दीवानों के लिए एक सुनहरा मौका बन जाती है।
बारिश में जहां एक ओर जंगल और घाटियां जीवन से भर जाती हैं, वहीं दूसरी ओर ऐतिहासिक धरोहरें और प्राचीन किले अपनी अलग ही छटा बिखेरते हैं। पचमढ़ी में रजत प्रपात और बी फॉल्स जैसे जलप्रपात अपनी पूरी शान में बहते हैं, तो टमिया और पातालपानी की घाटियां फोटोग्राफरों और एडवेंचर लवर्स के लिए जन्नत बन जाती हैं।

मानसून में जब ठंडी हवा और हल्की फुहारें चेहरे को छूती हैं, तो इन जगहों का शांत वातावरण भीतर तक सुकून पहुंचाता है। अगर आप प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, भीड़ से दूर कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो मध्यप्रदेश की ये जगहें बारिश के मौसम में आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकती हैं।
MP Tourism : मानसून में मध्यप्रदेश की ये 5 जगहें बन जाती हैं धरती का स्वर्ग
पचमढ़ी (Pachmarhi)
पचमढ़ी को ‘सतपुड़ा की रानी’ कहा जाता है, और यह उपाधि इसे यूं ही नहीं मिली। बरसात के मौसम में यह हिल स्टेशन हरियाली और झरनों से सजी-धजी एक रोमांटिक और शांत जगह बन जाती है। दूर तक फैले जंगल, ऊँचे पहाड़ों से गिरते चमचमाते झरने जैसे रजत प्रपात, बी फॉल और अप्सरा फॉल न केवल देखने में अद्भुत लगते हैं, बल्कि उनकी ठंडी फुहारें आपको प्रकृति से जोड़ देती हैं। मॉनसून में पचमढ़ी की वादियाँ आपको एक नए एहसास से भर देती हैं, मानो आप शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत स्वर्ग में आ गए हों।
मांडू (Mandu)
मालवा की पहाड़ियों पर बसा मांडू, इतिहास और प्रेम की अद्भुत दास्तानों से भरा एक सुंदर शहर है। यहां की वास्तुकला, खासकर रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेमगाथा को समर्पित स्थलों, मानसून में नई जान पाते हैं। बारिश के मौसम में जब महलों के चारों ओर झीलें भर जाती हैं, और हरियाली की चादर पूरे इलाके को ढक लेती है, तो मांडू एक जादुई दुनिया जैसा लगता है। कलाकारों और रोमांटिक आत्माओं के लिए यह मौसम मांडू की असली आत्मा को महसूस करने का सबसे बेहतरीन समय होता है।
खजुराहो (Khajuraho)
खजुराहो सिर्फ अपने मंदिरों के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यहां का वातावरण भी मानसून में एक नई खूबसूरती से भर जाता है। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल खजुराहो के मंदिर जब हरियाली से घिरे होते हैं और आस-पास की प्रकृति ताजगी से भर जाती है, तो यह स्थान इतिहास और सौंदर्य का दुर्लभ मेल बन जाता है। बारिश के मौसम में यहां की मूर्तिकला और मंदिर परिसर की शांति आत्मिक अनुभव देती है।
भेड़ाघाट (Bhedaghat)
जबलपुर के नजदीक स्थित भेड़ाघाट संगमरमर की चट्टानों और धुंआधार जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। मानसून में जब नर्मदा नदी उफान पर होती है और धुंआधार फॉल्स का दूधिया झरना गर्जना करता है, तो यह दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगता। नाव की सवारी के दौरान झरने की फुहारें और गूंजता पानी का शोर, रोमांच और सुकून दोनों का अनोखा मिश्रण बनाता है।
अमरकंटक (Amarkantak)
सोन और नर्मदा नदियों की उत्पत्ति भूमि, अमरकंटक एक शांत और आध्यात्मिक हिल स्टेशन है, जो मानसून में पूरी तरह से हरा-भरा हो जाता है। यहां का वातावरण इतना शांत और पवित्र होता है कि यह आत्मा को सुकून और मन को ठहराव देता है। मंदिर, झरने और प्राकृतिक दृश्य बरसात के मौसम में अपनी पूरी रौनक में नजर आते हैं। अमरकंटक खासकर उन लोगों के लिए आदर्श जगह है, जो प्रकृति की गोद में शांति और ध्यान की तलाश में होते हैं।