एमपी में हाथियों का भी बनेगा ID कार्ड, नया नियम लागू, जानें क्या हैं इसे लेकर तैयारियां

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By Srashti BisenPublished On: June 13, 2025
MP News

मध्य प्रदेश में वन विभाग ने हाथियों की पहचान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। राज्य के जंगलों में रहने वाले हर हाथी को एक विशिष्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा। इस परियोजना को एलीफेंट आईडी के नाम से जाना जाएगा, और इसके तहत हर हाथी की फोटो खींची जाएगी, जिससे उनकी पहचान करना आसान होगा। इस आईडी कार्ड में हाथी की तस्वीर के साथ-साथ एक अलग कोड नंबर भी दिया जाएगा, जो हाथी की विशेष पहचान करेगा।

मध्य प्रदेश में हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, खासकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ से आने वाले हाथियों के कारण। कई झुंड अब प्रदेश में स्थायी रूप से रहने लगे हैं, और इनमें से एक बड़ा झुंड बांधवगढ़ नेशनल पार्क में देखा गया है। हाथियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, वन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि हर हाथी के लिए एक विशेष एलीफेंट आईडी तैयार की जाए, जैसे बाघों के लिए पहचान पत्र होते हैं। यह कदम हाथियों की बेहतर निगरानी और उनके संरक्षण में मदद करेगा।

आईडी कार्ड क्यों जरूरी है?

आईडी कार्ड का मुख्य उद्देश्य हाथियों के मूवमेंट को ट्रैक करना और उनकी पहचान को आसान बनाना है। मध्य प्रदेश में हाथियों की संख्या और उनकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे यह जरूरी हो गया है कि वन विभाग उनकी निगरानी को और सशक्त बनाए। हाथियों के आईडी कार्ड के जरिए वन विभाग यह पहचान सकेगा कि कौन सा हाथी किस झुंड का हिस्सा है और किस क्षेत्र में घूम रहा है। इससे वन विभाग को हाथियों की सुरक्षा, उनकी देखभाल और संभावित संघर्षों को रोकने में भी मदद मिलेगी।

सुरक्षा और निगरानी में होगा सुधार

इस आईडी कार्ड सिस्टम के माध्यम से वन विभाग को हाथियों की सुरक्षा और उनकी निगरानी में मदद मिलेगी। जब किसी हाथी का मूवमेंट बढ़ेगा या वह किसी क्षेत्र में घूमेंगे, तो अधिकारियों को उसके बारे में तुरंत जानकारी मिल जाएगी। साथ ही, इस योजना के जरिए हाथियों के जीवन को सुरक्षित रखना और उनके लिए बेहतर पर्यावरण प्रदान करना संभव होगा।