मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु ‘मजरा-टोला सड़क योजना’ शुरू करने और तुअर दाल उत्पादकों को मंडी टैक्स से छूट देने की स्वीकृति दी गई।
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को उनके 11 वर्षों के सफल कार्यकाल के लिए बधाई एवं प्रशंसा प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस प्रस्ताव में बीते 11 वर्षों में देश में हुई सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति के लिए केंद्र सरकार की सराहना की गई।

खास तौर पर किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीब वर्ग के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया गया। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई।
जल निकासी व्यवस्था सुधारने पर विशेष ज़ोर
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों और क्षेत्रों में जरूरी तैयारियां समय रहते पूरी करने के निर्देश दिए हैं। नगरीय क्षेत्रों में नालों और जल निकासी व्यवस्था की साफ-सफाई सुनिश्चित करने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में तालाबों और अन्य जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया की सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
महिलाओं के लिए बनेगा हॉस्टल
महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने केंद्र से प्राप्त सहायता के तहत झाबुआ, सिंगरौली, देवास समेत चार औद्योगिक क्षेत्रों में ‘वर्किंग वुमेन हॉस्टल’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन हॉस्टलों में कुल 350 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी और इसके निर्माण पर लगभग 40.59 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल के तहत संचालित की जाएगी।
विकास की डगर पर 20 हजार से ज्यादा गांव
उन्होंने बताया कि आदिवासी समुदाय के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। “मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना” को कैबिनेट से सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हो गई है। इस योजना का उद्देश्य दूर-दराज़ के छोटे-छोटे गांवों, फली-मजरों और टोलों को मुख्य सड़कों से जोड़ना है।
इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 30,900 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर लगभग 21,630 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। योजना के अंतर्गत करीब 20,600 बसाहटों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।
ऐसी बसाहटें, जहां कम से कम 20 आवास हों, जनसंख्या 100 से अधिक हो और 50 मीटर के दायरे में कोई सड़क उपलब्ध न हो, योजना के लिए पात्र मानी जाएंगी।
इस महत्वाकांक्षी योजना से लगभग 80 प्रतिशत लाभ आदिवासी क्षेत्रों को मिलने की उम्मीद है। गांवों के चयन की प्रक्रिया में जिला कलेक्टर, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों की सलाह भी शामिल की जाएगी।
17 जून तक हो सकेंगे तबादले
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज, 10 जून 2025 को आयोजित कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर नीति को लेकर एक अहम निर्णय लिया गया।
राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह एक राहतभरी खबर है। मंगलवार को हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में तबादला नीति से संबंधित एक बड़ा और प्रभावशाली फैसला लिया गया है।
मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए तबादलों की समय-सीमा एक बार फिर बढ़ा दी गई है। पहले यह अवधि 31 मई 2025 तक निर्धारित थी, जिसे बाद में 10 जून तक बढ़ाया गया था। अब हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इसे और आगे बढ़ाकर 17 जून 2025 तक करने का निर्णय लिया गया है।