एमपी की इस नदी पर बनेगा 1400 करोड़ की लागत से बांध, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

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By Srashti BisenPublished On: June 10, 2025
MP News

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जबलपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र कुंडम स्थित कुंडेश्वर धाम में जनहित से जुड़े कई विकास कार्यों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने नवनिर्मित सांदिपनी विद्यालय और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) भवन का लोकार्पण किया।

यह कार्यक्रम न सिर्फ शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में अहम कदम है, बल्कि क्षेत्र के आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास है।

गौर नदी पर बनेगा 1400 करोड़ का बड़ा बांध

एमपी की इस नदी पर बनेगा 1400 करोड़ की लागत से बांध, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

इस समारोह में मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लिए एक बड़ी परियोजना की घोषणा करते हुए कहा कि गौर नदी पर 1400 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल बांध का निर्माण किया जाएगा। यह योजना जबलपुर के कुंडम क्षेत्र के साथ-साथ मंडला जिले के ग्रामीण इलाकों को भी सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्रदान करेगी। इससे न सिर्फ कृषि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जल संकट से जूझ रहे गांवों को राहत भी मिलेगी।

लाड़ली बहनों के लिए बढ़ेगी सहायता राशि

मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि में रक्षाबंधन के अवसर पर बढ़ोत्तरी की जाएगी। उन्होंने इस योजना को महिलाओं की आत्मनिर्भरता और गरिमा से जोड़ते हुए वादा किया कि बहनों से किए गए सभी वादों को सरकार पूरी निष्ठा से निभाएगी।

खेती और औद्योगीकरण राज्य को बनाएंगे उन्नत

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार न केवल उन्नत खेती को बढ़ावा दे रही है बल्कि औद्योगीकरण की दिशा में भी ठोस कदम उठा रही है। इससे प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होगी और युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है।

शिक्षा और संस्कृति का संगम सांदिपनी विद्यालय का महत्व

मुख्यमंत्री ने सांदिपनी विद्यालय परिसर में अपनी माता के नाम पर नीम का पौधा रोपित कर पर्यावरण और संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के लिए शिक्षा का केंद्र बनकर उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का कार्य करेगा। वहीं आईटीआई के जरिए युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

श्रीकृष्ण से जुड़ी शिक्षा की प्रेरणा

सीएम ने श्रीकृष्ण के जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भी शिक्षा को सर्वोपरि स्थान दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने 64 कलाओं, 14 विद्याओं और 18 पुराणों का अध्ययन कर शिक्षा के महत्व को दर्शाया। वे केवल विद्यार्थी ही नहीं रहे, बल्कि अपने जीवन में गुरू की भूमिका भी निभाई। यह हमें शिक्षा की गहराई और समाज निर्माण में उसके योगदान की प्रेरणा देता है।