किसानों को बड़ा झटका, MSP पर नहीं खरीदी जाएगी ये फसल, जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

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By Srashti BisenPublished On: June 5, 2025
MP News

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए इस बार मूंग की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर न खरीदने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में यह निर्णय स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

दरअसल, सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि मूंग की खेती में खरपतवार नाशकों (वीडिसाइड) का अत्यधिक उपयोग देखा गया है, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

खरपतवार नाशकों का अत्यधिक उपयोग बना वजह

किसानों को बड़ा झटका, MSP पर नहीं खरीदी जाएगी ये फसल, जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने जानकारी दी कि किसान मूंग की फसल जल्दी तैयार करने के लिए भारी मात्रा में वीडिसाइड का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह रसायन फसल में रहकर उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसी के चलते सरकार ने तय किया कि इस बार मूंग की सरकारी खरीद MSP पर नहीं की जाएगी, जिससे कि उपभोक्ताओं को दूषित अनाज से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले भी मूंग की खेती में रसायनों के अत्यधिक प्रयोग पर चिंता जताई थी। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने की बात कही थी कि जो अनाज उपभोक्ताओं तक पहुंचे, वह सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक हो। सरकार के इस निर्णय को इसी दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है।

मूंग के अलावा अन्य फसलों की MSP खरीदी जारी

हालांकि मूंग को इस बार MSP के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन अन्य प्रमुख फसलों की सरकारी खरीदी पहले की तरह जारी रहेगी।
इनमें शामिल हैं:

  • गेहूं : अनुमानित 2,150 रुपए प्रति क्विंटल
  • धान : 1,900 से 2,000 रुपए प्रति क्विंटल (प्रकार के अनुसार)
  • चना : 4,500 से 5,000 रुपए प्रति क्विंटल
  • सरसों : 5,000 रुपए प्रति क्विंटल

इन फसलों की MSP खरीदी के लिए राज्य सरकार केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अभियान चलाएगी।

किसानों की आय पर पड़ेगा सीधा असर

मध्यप्रदेश में मूंग की खेती लगभग 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होती है और औसतन 120 मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन होता है। पहले किसानों को मूंग की बिक्री के लिए 8,700 रुपए प्रति क्विंटल तक का MSP मिलता था। लेकिन इस साल खरीदी बंद होने से उन्हें बाजार में 6,000 से 7,000 रुपए प्रति क्विंटल तक ही दाम मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय पर सीधा असर पड़ेगा।

किसानों और विपक्ष ने जताई नाराजगी

मूंग उत्पादक जिलों जैसे नर्मदापुरम, हरदा, देवास, रायसेन और बैतूल में किसानों ने इस फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है। भारतीय किसान संघ और कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने सरकार से मांग की है कि मूंग की MSP पर फिर से खरीदी शुरू करने के लिए एक स्पष्ट नीति लाई जाए। कई किसान संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।