यात्रा होगी और भी आसान, रायपुर-विशाखापट्टनम के बीच दुरी होगी कम, 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा सिक्स-लेन हाइवे

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By Srashti BisenPublished On: May 26, 2025
CG News

छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रप्रदेश को आपस में जोड़ने वाली रायपुर-विशाखापटनम सिक्सलेन सड़क परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक आर्थिक और रणनीतिक गलियारे के रूप में भी उभर रही है।

हालाँकि इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर विवाद और घोटाले की खबरें सामने आई हैं, फिर भी निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है।

रायपुर-विशाखापट्टनम के बीच दुरी होगी कम

यात्रा होगी और भी आसान, रायपुर-विशाखापट्टनम के बीच दुरी होगी कम, 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा सिक्स-लेन हाइवे

इस बहुप्रतीक्षित परियोजना की कुल लंबाई 590 किलोमीटर है, लेकिन आधुनिक इंजीनियरिंग और सीधी रेखाओं के कारण यह दूरी 464 किलोमीटर रह जाएगी। इसका मतलब यह है कि रायपुर से विशाखापटनम की यात्रा मात्र 6 से 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी। यह सड़क कई बड़े शहरों और कस्बों को आपस में जोड़ेगी, जिससे यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

छत्तीसगढ़ की पहली सड़क सुरंग

परियोजना की सबसे खास विशेषता यह है कि कांकेर जिले के वासनवाही और कोंडागांव जिले के कोसमी गांव के बीच एक 2.7 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ की पहली सड़क टनल होगी, जो पहाड़ों और जंगलों के बीच से गुजरती हुई, यात्रियों को एक अनोखा अनुभव देगी। यह टनल यात्रा को रोमांचकारी और सुविधाजनक दोनों बनाएगी।

राज्यों में निर्माण की स्थिति

  • छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के अंतर्गत 124 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
  • ओडिशा में लगभग 240 किलोमीटर, जबकि
  • आंध्रप्रदेश में करीब 100 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है।

छत्तीसगढ़ में यह सड़क नवा रायपुर, अभनपुर, कुरूद, नगरी, धमतरी, कांकेर और कोंडागांव जैसे प्रमुख क्षेत्रों से होकर गुजरेगी और अंततः आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम पोर्ट पर जाकर समाप्त होगी।

निर्माण में आ रही बाधाएं और प्रगति

एनएचएआई के अनुसार अधिकांश सड़क निर्माण कार्य सितंबर 2025 तक पूर्ण हो जाएगा। हालांकि कोंडागांव जिले में वन विभाग से अनुमति जैसी बाधाओं के कारण कुछ हिस्सों में कार्य में विलंब हुआ है, पर अब वहां भी कार्य गति पकड़ चुका है। कई स्थानों पर ओवरब्रिज और संपर्क मार्गों का कार्य भी तेजी से जारी है।

झांकी, कुरूद, नगरी, दुधावा, कोसमी, विश्रामपुरी और मंगारपुरी जैसे इलाकों में सड़क को जोड़ने का कार्य किया जा चुका है, जिससे स्थानीय निवासियों को परियोजना का त्वरित लाभ मिल रहा है।

20,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा सिक्स-लेन हाइवे

इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से केवल छत्तीसगढ़ में 4,145 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम अरुण साव स्वयं इस प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और निर्माण स्थल का दौरा कर प्रगति का जायज़ा लेते रहते हैं। इससे कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी हुई है।

पर्यटन, व्यापार और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

यह सड़क परियोजना सिर्फ एक बुनियादी ढांचा नहीं है, बल्कि इसे एक नए आर्थिक गलियारे के रूप में देखा जा रहा है। इस मार्ग से छत्तीसगढ़ के धान और कोंडागांव के हस्तशिल्प उत्पादों को सीधे बंदरगाह तक पहुंच मिलने से विदेशी बाजारों तक सीधी पहुँच संभव होगी। इससे व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।