छत्तीसगढ़ में बनेगा 92 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, इन 3 जिलों से होकर गुजरेगा, स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में दुर्ग-रायपुर-आरंग एक्सप्रेसवे का निर्माण तेज़ी से जारी है, जो 92 किलोमीटर लंबा होकर तीन जिलों को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय व्यापार, परिवहन और ग्रामीण-शहरी संपर्क को बढ़ावा देगा, साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी रखकर किसानों को उचित मुआवजा दिया गया है।

Srashti Bisen
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भारत सरकार द्वारा शुरू की गई भारतमाला परियोजना देशभर में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल बनकर सामने आई है। इस योजना के तहत न केवल बड़े शहरों को आपस में जोड़ा जा रहा है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच व्यापार, परिवहन और संपर्क को भी नई दिशा मिल रही है।

इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में दुर्ग-रायपुर-आरंग एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है, जो राज्य की राजधानी रायपुर और औद्योगिक नगरी दुर्ग को हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से जोड़ेगा।

92 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगे ये तीन जिले

यह एक्सप्रेसवे 92 किलोमीटर लंबा होगा और यह दुर्ग से शुरू होकर अंजोरा, पटोरा, सुपकोना, अभनपुर, नया रायपुर होते हुए आरंग तक जाएगा। इस मार्ग के निर्माण में दुर्ग, रायपुर और बलौदाबाजार जिलों की भूमि शामिल है, जिससे इन जिलों की आर्थिक और भौगोलिक स्थिति में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे बनने के बाद ट्रैफिक की भीड़ कम होगी, ईंधन की बचत होगी और सफर का समय घटेगा। साथ ही आसपास के ग्रामीण इलाकों को शहरी बाजारों से जोड़कर स्थानीय व्यापार और कृषि उत्पादों के वितरण में सहूलियत मिलेगी।

भूमि अधिग्रहण की पारदर्शी प्रक्रिया और किसानों को मुआवजा

इस परियोजना के लिए 2,330 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। जिला प्रशासन ने बताया कि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमानुसार की गई है ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो। प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा समय पर प्रदान किया गया है और इसके साथ ही भूमि के दस्तावेजों की वैधता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है।

जमीन की खरीद-बिक्री पर आंशिक छूट

दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिजीत सिंह ने जानकारी दी कि जहां-जहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां केंद्रीय लाइन से 100 मीटर की दूरी तक जमीन की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटा दी गई है। वहीं, जिन गांवों में अभी अधिग्रहण लंबित है, वहां अस्थायी रूप से रोक जारी है। एनएचएआई (NHAI) के परियोजना निदेशक ने बताया कि कुछ गांवों में अधिग्रहण पूरा हो चुका है और वहां निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है।

स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

दुर्ग-रायपुर-आरंग एक्सप्रेसवे केवल एक हाईवे नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। इससे न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि निवेश के नए अवसर, स्थानीय व्यवसाय का विस्तार, और रोजगार के नए साधन भी पैदा होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के बेहतर नेटवर्क से कृषि और कुटीर उद्योग को भी व्यापक लाभ मिलेगा।