आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत, 18000 रुपए तक मिलेगा मानदेय, प्रक्रिया शुरू, कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय का भुगतानप्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ना कराकर निगम के माध्यम से करवाया जाए

Kalash Tiwary
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Honorarium Hike : प्रदेश के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मानदेय को लेकर नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बन रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी निगम के गठन की औपचारिकता लगभग पूरी हो चुकी है।

अब इसे कैबिनेट की बैठक में अनुमोदन दिया जाएगा। जिसके तहत आउटसोर्स कर्मचारी को न्यूनतम 18000 रुपए मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बता दे कि मानदेय सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ही कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात की। जिसके बाद यह जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शीय विभाग की कार्मिक विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी के मानदेय के भुगतान के पूर्व व्यवस्था को यथावत रखने का प्रस्ताव तैयार किया है।

मानदेय को 18000 रुपए तक किया जा सकता है?

ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी के मानदेय को 18000 रुपए तक किया जा सकता है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय का भुगतानप्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ना कराकर निगम के माध्यम से करवाया जाए क्योंकि एजेंसियों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए ही आउटसोर्स कर्मचारी निगम की स्थापना की जा रही है।

कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान हो सके। इसके लिए निगम के माध्यम से उन्हें वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। मामले में उत्तर प्रदेश परिषद के महामंत्री अरुणा शुक्ला ने कहा कि संजय प्रसाद ने हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी को राहत मिलेगी। इसके साथ ही उनके न्यूनतम मानदेय 18000 रुपए तक तय किया जा सकते हैं।