हिंदू धर्म में अपरा एकादशी को एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि के रूप में माना जाता है। ‘अपरा’ शब्द का अर्थ है ‘असीम’ या ‘बहुत अधिक’, जो इस एकादशी से प्राप्त होने वाले पुण्य का संकेत देता है। यह व्रत अचला एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है और मान्यता है कि इसे श्रद्धा से करने पर व्यक्ति को असीम पुण्य लाभ होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को न केवल अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि ब्रह्महत्या, गोहत्या, परस्त्रीगमन जैसे महापापों से भी छुटकारा मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को इस व्रत का महत्व बताया था।

कब है अपरा एकादशी व्रत?
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अपरा एकादशी व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाएगा, जो कि 23 मई, शुक्रवार को पड़ेगी। यह तिथि 23 मई को तड़के 1:12 AM से शुरू होकर रात 10:00 PM तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, व्रत इसी दिन रखा जाएगा, और 24 मई की सुबह पारण किया जाएगा।
व्रत का महत्व और फल
अपरा एकादशी व्रत से व्यक्ति को यज्ञ, तीर्थ यात्रा और दान जैसे कर्मों के समान पुण्य मिलता है। यह व्रत न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति, धन और समृद्धि भी प्रदान करता है। इसके पुण्य प्रभाव से पितरों को भी शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
इस दिन करें इन चीजों का दान
- अन्न का दान: अपरा एकादशी पर अन्नदान को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। आप अपनी सामर्थ्य अनुसार चावल, गेहूं, दाल आदि का दान कर सकते हैं, जिससे घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती।
- वस्त्र दान: स्वच्छ नए या पुराने कपड़ों का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। यह दान जरूरतमंदों को देना शुभ फलदायी होता है।
- धन का दान: धार्मिक कार्यों, मंदिरों या किसी गरीब व्यक्ति को धन देना अपरा एकादशी के दिन विशेष लाभकारी होता है।
- जूते-चप्पल: गर्मी के मौसम को देखते हुए जूते-चप्पल का दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। इससे जीवन की राह आसान होती है।
- जल का दान: प्यासों को पानी पिलाना या मिट्टी के मटके, सुराही आदि का दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। निर्जला एकादशी के नजदीक होने के कारण जलदान का विशेष महत्व है।
- फल और गुड़ का दान: फलों के दान से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। गुड़ का दान जीवन में मिठास और सौहार्द लाता है।
- घी और धार्मिक पुस्तकें: घी का दान घर में समृद्धि लाता है और धार्मिक ग्रंथों का दान आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनता है।
दान करते समय रखें यह ध्यान
अपरा एकादशी पर किया गया दान यदि श्रद्धा और भक्ति से किया जाए तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है। सबसे उत्तम दान वही है जो गुप्त रूप से और जरूरतमंद व्यक्ति को किया जाए। इस दिन किए गए दान से न केवल भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति भी बनी रहती है।
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