एमपी के ये दो बड़े शहर अब होंगे और करीब, सफर होगा आसान, नए एलाइन्मेंट से कम होगी दूरी

भोपाल और जबलपुर के बीच की दूरी घटाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-46 का नया एलाइन्मेंट तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार 2025 तक 1425 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें गुणवत्ता, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी जा रही है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और जबलपुर के बीच यात्रा जल्द ही और आसान होगी। राज्य सरकार इन दो प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सड़क की दिशा (एलाइन्मेंट) में बदलाव कर दूरी को कम करने की तैयारी में है। राष्ट्रीय राजमार्ग-46 के नए प्रस्तावित मार्ग से यह संभव होगा। रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है ताकि आम नागरिकों को जल्द ही इसका लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सड़क परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण की गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थायित्व पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाए और सुरक्षा मानकों के साथ पर्यावरणीय संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा जाए। पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता को प्राथमिकता देने की बात भी उन्होंने कही।

2025 तक बनेंगी 1425 किलोमीटर सड़कें

राज्य में सड़क निर्माण को लेकर बड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक भरत यादव के अनुसार, वर्ष 2025 तक प्रदेश में 1425 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। इसके लिए 3134 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और अब तक 35 विभिन्न परियोजनाओं के लिए 3444 करोड़ रुपये के टेंडर स्वीकृत हो चुके हैं।

पिछले वर्ष 1127 किमी सड़कों का हुआ निर्माण

वित्तीय वर्ष 2024-25 में निगम ने 1586 करोड़ रुपये की लागत से 1127 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया। साथ ही, सड़क विकास से जुड़े पूंजीगत कार्यों पर 2761.47 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि संधारण और मरम्मत कार्यों पर 280.79 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। कुल मिलाकर इस वर्ष 3042.29 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

विकास के साथ पर्यावरण का भी रखा जाएगा ध्यान

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़क निर्माण के दौरान केवल यातायात की सुविधा ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकीय संतुलन का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। निर्माण प्रक्रिया में पर्यावरणीय नियमों का पालन अनिवार्य किया जाएगा, जिससे विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बना रहे।