Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना, जो महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई थी, अब एक नए मोड़ पर है। मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत मई 2025 में कुछ महिलाओं को इस योजना की 24वीं किस्त नहीं मिलेगी। यह खबर उन लाखों महिलाओं के लिए निराशाजनक हो सकती है, जो हर महीने इस राशि का इंतजार करती हैं। आइए, इस निर्णय के पीछे के कारणों और प्रभावित होने वाली महिलाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Ladli Behna Yojana: किन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ?
मध्यप्रदेश सरकार ने योजना की पात्रता मानदंडों को और सख्त करते हुए कुछ श्रेणियों की महिलाओं को लाभ से वंचित करने का फैसला किया है। जिन महिलाओं की आयु 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है, उन्हें अब इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि वे सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत आती हैं। इसके अलावा, जिन परिवारों की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक है, उनकी भी सूची से नाम हटाए जा रहे हैं। साथ ही, जिन महिलाओं के दस्तावेजों में त्रुटि पाई गई है, जैसे आधार या बैंक खाता विवरण में गड़बड़ी, उन्हें भी मई की राशि से वंचित किया जा सकता है।

निर्णय के पीछे का कारण
सरकार का कहना है कि यह कदम योजना को और पारदर्शी बनाने और केवल पात्र महिलाओं तक लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है। हाल ही में हुए सामाजिक ऑडिट में यह सामने आया कि कई अपात्र महिलाएं भी योजना का लाभ उठा रही थीं। इसके अलावा, नए वित्तीय वर्ष में बजट प्रबंधन और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए यह निर्णय लिया गया। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना बंद नहीं होगी, बल्कि इसे और प्रभावी बनाया जाएगा।
महिलाओं पर क्या होगा असर?
इस फैसले से लाखों महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं, खासकर वे जो इस राशि पर निर्भर थीं। कई महिलाओं ने इस योजना के 1250 रुपये से अपने घर का खर्च चलाया या छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू किए। अब इस राशि के बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित महिलाओं को अन्य योजनाओं के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
आगे क्या?
मध्यप्रदेश सरकार ने यह भी घोषणा की है कि Ladli Behna Yojana के तहत पात्रता की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। महिलाओं से अपील की गई है कि वे अपने दस्तावेजों को अपडेट रखें ताकि भविष्य में लाभ से वंचित न होना पड़े। यह निर्णय निश्चित रूप से चर्चा का विषय बना रहेगा, और महिलाएं सरकार से स्पष्टता और सहायता की उम्मीद कर रही हैं।