CM मोहन यादव ने जातीय जनगणना को बताया बदलाव का सूत्रधार, जानें और क्या कहा?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जातिगत जनगणना को आजादी के बाद का सबसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए इसे सामाजिक न्याय और समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कांग्रेस पर इस फैसले का श्रेय लेने का आरोप लगाया।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जातिगत आधार पर जनगणना कराने के निर्णय को आजादी के बाद का सबसे बड़ा ऐतिहासिक फैसला बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय समता, समरसता, सुशासन और सामाजिक न्याय के मार्ग पर देश को एक नए युग में प्रवेश करने का संकेत देता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना का आयोजन उन सामाजिक वर्गों की पहचान करेगा जो अब तक उपेक्षित रहे हैं। उनका कहना था कि यह कदम वंचित और पिछड़े वर्गों को नीतिगत निर्णयों में शामिल करने के लिए एक निर्णायक प्रयास है, जिससे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना को साकार किया जाएगा।

कांग्रेस पर साधा निशाना

डॉ. यादव ने कांग्रेस तथा राहुल गांधी पर भी तीखा निशाना साधा। उनका आरोप था कि विपक्ष अब इस ऐतिहासिक फैसले का श्रेय लेना चाहता है, जबकि वास्तव में यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूर्ण बहुमत सरकार के तहत लिया गया है। उनका मानना था कि कांग्रेस के पूर्व शासकों के विपरीत, मोदी सरकार ने देशहित में दूरगामी और साहसिक फैसले लिए हैं, जो लोकतांत्रिक इतिहास में एक नए अध्याय के रूप में दर्ज होंगे।

ये निर्णय एक युग परिवर्तन का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को एक युग परिवर्तन का प्रतीक बताया और आगे कहा कि यह कदम देश में सामाजिक संतुलन और समरसता को मजबूत करेगा। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की 24 दलों की गठबंधन सरकार से इस निर्णय की तुलना करते हुए, यह स्पष्ट किया कि नरेंद्र मोदी एक पूर्ण बहुमत सरकार के नेता होने के नाते नई दिशा और नये आयाम स्थापित कर रहे हैं।