पर्यावरण सुधार और जलस्तर वृद्धि के लिए बड़े कदम, एमपी के इस जिले में होगा 36 एकड़ में भारत वन का निर्माण

इंदौर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा एक विशाल 'भारत वन' बनाने की योजना की घोषणा की गई है, जो 36 एकड़ में फैला होगा और इसमें एक बड़ा तालाब भी होगा। यह वन शहर के पर्यावरण को सुधारने, जलस्तर बढ़ाने और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाएगा, जिससे इंदौर को एक हरा-भरा और प्राकृतिक स्थल मिलेगा।

Srashti Bisen
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इंदौर, मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में पर्यावरण को लेकर एक बड़ी पहल की जा रही है। शहर को हरा-भरा और प्राकृतिक सौंदर्य से सजाने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत इंदौर के बीचोंबीच एक विशाल ‘भारत वन’ का निर्माण किया जाएगा।

यह वन 36 एकड़ में फैला होगा, जिसमें एक बड़ा तालाब भी शामिल होगा। महापौर ने हाल ही में इस प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और इस परियोजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

भारत वन : शहर के बीचोंबीच एक हरा-भरा आश्रय

महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार, इस वन का उद्देश्य इंदौर के बीचोंबीच एक ऐसा स्थान बनाना है जो न केवल शहर के पर्यावरण को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि शहर के लिए प्राकृतिक ऑक्सीजन के रूप में भी कार्य करेगा।

यह वन इंदौर के ‘फेफड़े’ की तरह कार्य करेगा और शुद्ध पर्यावरण के लिए योगदान देगा। उनका मानना है कि इस परियोजना से शहर में हरियाली बढ़ेगी और लोग प्राकृतिक वातावरण में समय बिता सकेंगे।

तालाब और जलस्तर में सुधार

भारत वन की योजना में एक बड़ा तालाब भी शामिल किया जाएगा, जो न केवल दृश्यात्मक सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि जलस्तर को भी बढ़ाने में सहायक होगा। यह तालाब इलाके में जल संरक्षण को बढ़ावा देगा और भविष्य में पानी की समस्या को दूर करने में मदद करेगा।

जीव-जंतु और पक्षियों का घर

यह वन केवल हरियाली और जल संरक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें देशभर से विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और पक्षियों को लाया जाएगा। वन में उनके रहने के लिए विशेष घर भी बनाए जाएंगे, ताकि यह एक जैव विविधता से भरपूर स्थान बन सके। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि इंदौर को एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल भी मिल जाएगा।

सभी की सहमति से पर्यावरण में सुधार

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इस परियोजना को लेकर सभी संबंधित पक्षों से सुझाव लिए गए हैं और पूरी योजना पर सहमति बनाई गई है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद इंदौर का यह हिस्सा हरे-भरे इलाके में बदल जाएगा, जिससे पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ-साथ शहर की सुंदरता में भी इज़ाफा होगा।