Employees Salary : सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। एक बार फिर से उनके वेतन में कटौती की जाएगी। दरअसल 12000 से अधिक शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। सरकारी स्कूलों में पदस्थ 12000 शिक्षकों के वेतन घटेंगे।
वेतन में वृद्धि से एक तरफ जहां शिक्षक कर्मचारी खुश होते हैं। दूसरी तरफ इस कटौती को लेकर शिक्षकों में रोष देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों वित्त विभाग ने राज्य के सभी उपयुक्त जिला लेखा पदाधिकारी को एक पत्र जारी किया था।

शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन का भुगतान
वित्त विभाग में स्पष्ट किया कि राज्य में गलत पे फिक्सेशन हो गया है। जिसके कारण शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन का भुगतान किया गया है। भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया की 1 जनवरी 2006 यानी छठे वेतनमान लागू होने से पूर्व बहाल जिन कर्मचारियों को बंचिंग का लाभ मिला है, वह गलत मिला है।
वेतन की और समानता को दूर करने के लिए अतिरिक्त इंक्रीमेंट को बंचिंग कहा जाता है। उन्हें बंचिंग का लाभ नहीं मिल सकता है। बंचिंग का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती के आदेश दिए गए हैं। वहीं अभी आदेश के बाद राज्य के 12000 शिक्षक सहित अलग-अलग विभागों में प्रदेश कर्मचारियों के वेतन से प्रति महीने ₹9000 की कटौती की जाएगी।
बंचिंग का लाभ नहीं
साथ ही पिछले करीब 20 वर्ष में उन्होंने जो भी अतिरिक्त राशि वेतन के रूप में लिया है। उसकी रिकवरी की भी तैयारी की जा रही है। शिक्षक कर्मचारियों में हड़ताल की स्थिति है। वेतन निर्धारण के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन की बात करें तो वेतन बैंड में वेतन का निर्धारण 1 जनवरी 2006 को मौजूद मूल वेतन को 1.86 के गुणक से गुणा करके तथा इस प्रकार प्राप्त संख्या को 10 के अतिरिक्त गुणक से पुनर्गत करके किया जाता है।
ऐसे में संशोधित वेतन का कर्मचारियों को भुगतान किया जाता है। हालांकि अब विभाग की गलती पर 20 साल बाद वित्त विभाग की नींद टूटी है। झारखंड में 1998 99 2000 2004 और 2005 में शिक्षकों की बहाली हुई है। इसके कुछ दिन बाद यानी 1 जनवरी 2006 को छठे वेतनमान लागू किए गए थे। जिसके बाद शिक्षकों के ग्रेड पे को रिवाइज कर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने वेतनमान के निर्धारण के लिए रूल वन और रूल 2 को तय किया था। ऐसे में शिक्षकों के वेतनमान का निर्धारण रूल 2 के अनुसार किया गया हैं। कुछ ऐसे शिक्षक थे जो 9300 से लेकर 34200 वेतनमान तक नहीं पहुंच पा रहे थे। उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमेंट का लाभ देकर छटवें वेतन मान दिया गया था।
अब 20 साल बाद वित्त विभाग की नींद टूटी और विभाग ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें वेतन कटौती के साथ वेतन वसूली की बात कही जा रही है। ऐसे में शिक्षक कर्मचारी इस पर कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं लेकिन फिलहाल इससे शिक्षकों में हर काम की स्थिति और अब उनके वेतन से प्रति महीने 9000 रूपए की कटौती की जा सकती है।