कृष्णमोहन झा/
देश के वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ पिछले कई दिनों से सितंबर में कोरोनावायरस की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं । उनका यह मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव अक्टूबर में अपने चरम पर होगा इसीलिए देश के जिन राज्यों को कोरोना की दूसरी लहर ने अपनी चपेट में लिया था वहां की सरकारें उसकी तीसरी लहर से सुरक्षा हेतु जहां एक ओर अपने राज्य के लोगों को मास्क और सामाजिक दूरी ऐसे ऐहतियाती उपाय बरतने के लिए प्रेरित कर रही हैं वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने राज्य में अधिकाधिक लोगों के टीकाकरण पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया है । टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए कोई राज्य सरकार अपनी ओर से कोई कसर बाकी नहीं रख रही है लेकिन कोरोना टीकाकरण हेतु अपने राज्य के लोगों को जागरूक करने और कोरोना की तीसरी आने के पहले ही टीके की दोनों डोज लगवाने हेतु उनके अंदर उत्साह जागृत करने का जो पुनीत अभियान मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रारंभ किया है उसने सारे देश का ध्यान आकर्षित किया है।
कभी विकास का शिवराज माडल देश के दूसरे राज्यों के लिए आदर्श बन गया था और अब कोरोना काल में शिवराज सरकार के टीकाकरण महाअभियान की अद्भुत सफलता ने कोरोना प्रभावित राज्यों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। निःसंदेह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसके लिए साधुवाद के हकदार हैं जिन्होंने राज्य में कोरोना की तीसरी लहर को निष्प्रभावी बनाने की पुनीत भावना से राज्य में जल्द से जल्द टीकाकरण महाअभियान को अपनी मंजिल तक पहुंचाने का संकल्प लिया है । मध्यप्रदेश में टीकाकरण के प्रति लोगों में उत्साह जगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं आगे आकर मोर्चा संभाल लिया है और वे स्वयं ही राज्य में टीकाकरण अभियान की मानीटरिंग कर रहे हैं। इच्छा शक्ति के धनी मुख्यमंत्री को इस समय केवल एक ही धुन है कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक सुनाई देने के पूर्व ही राज्य की अधिकतम आबादी के टीकाकरण का काम पूरा हो जाए ताकि कोरोना की तीसरी लहर राज्य में चिंता का कारण न बन सके।
इसीलिए मुख्यमंत्री टीकाकरण के प्रति लोगों में उत्साह जगाने के लिए संपूर्ण राज्य का दौरा कर रहे हैं और टीकाकरण के साथ ही मास्क और सामाजिक दूरी जैसे ऐहतियाती उपायों की उपयोगिता से लोगों को अवगत करा रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान टीकाकरण महाअभियान के दूसरे दिन रतलाम और इंदौर में टीकाकरण केंद्रों पर वहां की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया और वहां तैनात सरकारी अमले को यह निर्देश दिए कि टीका लगवाने के लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे लोगों से बातचीत भी की और उनसे यह अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि इंदौर में जिन 65 हजार लोगों को अभी तक टीके की पहली डोज भी नहीं लग पाई है उन्हें 31 अगस्त तक पहली डोज अवश्य लग जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इंदौर में टीकाकरण की तेज रफ्तार के लिए प्रशासनिक अमले की सराहना करते हुए कहा कि इसी साल नवंबर के अंत तक सभी पात्र व्यक्तियों को टीके की दोनों डोज लगाने का जो लक्ष्य तय किया गया है उसे पूरा करने में सभी का सहयोग अपेक्षित है।इस अवसर पर शिवराज सिंह ने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य में टीके की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि जिन बच्चों ने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोया है सरकार उनके साथ खड़ी है।
शिवराज सरकार के मंत्रियों ने भी राज्य में विभिन्न स्थानों में टीकाकरण केंद्रों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और लोगों से पूछा कि उन्हें किसी तरह की असुविधा तो महसूस नहीं हो रही है। मंत्रियों के यह पूछने पर लोगों ने टीकाकरण केंद्रों में की गई व्यवस्थाओं को संतोष जनक बताया जिससे सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता था कि सरकार ने टीकाकरण महाअभियान की सफलता सुनिश्चित करने में लोगों की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा। मुख्यमंत्री की अपील का ही यह सुपरिणाम है कि दो दिवसीय टीकाकरण महाअभियान के दूसरे चरण में पहले और दूसरे दिन जितने लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था उससे अधिक संख्या में लोग टीकाकरण केंद्रों पर पहुंच गए। टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर उमड़ी भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की जनता से राज्य में कोरोना टीकाकरण महाअभियान के दूसरे चरण को सफल बनाने की जो मार्मिक अपील की थी उसने लोगों को अंदर तक प्रभावित किया और इस महाअभियान को आशातीत सफलता मिली।
महाअभियान के दूसरे चरण में राज्य में पहले दिन लगभग 9 हजार टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे जबकि दूसरे दिन टीकाकरण के प्रति लोगों के अपार उत्साह को देखते हुए दस हजार से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए गए। दो दिन चले टीकाकरण महाअभियान2.0 में राज्य में 41.8 लाख लोगों को टीके लगाए गए। पहले और दूसरे दिन जितने लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया था उससे कहीं अधिक लोगों ने टीकाकरण केंद्रों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । टीकाकरण केंद्रों पर सुबह से ही लंबी लंबी कतारें लग चुकी थीं लेकिन सभी केंद्रों पर सरकार ने टीकाकरण प्रक्रिया के सुचारू संचालन हेतु पर्याप्त व्यवस्थाएं कर रखी थीं। टीकाकरण महाअभियान 2.0 की अपार सफलता से शिवराज सरकार का प्रफुल्लित होना स्वाभाविक है परंतु मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसका सारा श्रेय प्रदेश की जनता को देना चाहते हैं । उनका कहना है कि टीकाकरण के प्रति जनता की जागरूकता और अपार उत्साह की वजह से ही यह महाअभियान आशातीत सफलता अर्जित कर सका।