Waqf Bill को लेकर इन दिनों देश में जोरदार विरोध देखा जा रहा है। देशभर में मुस्लिम समुदाय इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को इस बिल को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद सरकार की ओर से इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अब केंद्र सरकार जल्द ही इस नए कानून को लागू करने की घोषणा कर सकती है।
गौरतलब है कि यह बिल 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद पारित हुआ था। अब इस पर मशहूर कवि, गीतकार और बॉलीवुड की जानी-मानी शख्सियत जावेद अख्तर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। वे हाल ही में दिल्ली में आयोजित शंकर-शाद मुशायरा के 56वें संस्करण में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने रोमांटिक और गंभीर शायरियां पेश कीं। इसी दौरान जब उनसे वक्फ बिल को लेकर सवाल पूछा गया, तो वे अचानक नाराज़ हो गए। इतना ही नहीं, उन्होंने मुगलों पर भी तीखी टिप्पणी कर डाली, जिसे सुनकर वहां मौजूद श्रोता चौंक उठे।

जावेद अख्तर का बड़ा दावा, मुगलों को उर्दू नहीं आती थी
इस मौके पर जावेद अख्तर ने कहा कि उर्दू आम लोगों की भाषा है, न कि किसी एक वर्ग या सत्ता की। उन्होंने कहा कि सरकारों ने कभी इस मीठी और संजीदा भाषा को वो सम्मान नहीं दिया जिसकी वह हकदार है। अख्तर ने यह भी स्पष्ट किया कि भाषा का ताल्लुक मजहब से नहीं, बल्कि भूगोल से होता है। उन्होंने मुगलों से उर्दू को जोड़ने की धारणा को गलत बताया और कहा कि मुगलों को यह तक नहीं पता था कि उर्दू क्या है, इसलिए इस भाषा को उनके साथ जोड़ना इतिहास की गलत व्याख्या है।
Waqf Bill पर जावेद अख्तर का फूटा गुस्सा
जब जावेद अख्तर से वक्फ बिल को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने उनसे केवल इस मुद्दे पर उनकी राय जाननी चाही थी, लेकिन बिल का ज़िक्र होते ही अख्तर नाराज़ हो गए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह एक विवादित मुद्दा है, और ऐसे सवालों से अक्सर कार्यक्रम की मूल भावना भटक जाती है, जबकि विवाद बेवजह तूल पकड़ लेता है।