अगर आपकी कुंडली में हैं पितृ दोष? तो यहां जानें इससे मुक्ति के उपाय, हमेशा रहेंगे खुशहाल

पितृ दोष कुंडली में बनने वाला एक अशुभ योग है, जो आर्थिक तंगी, बीमारियों और पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है। यह सूर्य, मंगल, शनि, राहु और गुरु की विशेष स्थितियों से उत्पन्न होता है। इससे बचने के लिए तर्पण, दान-पुण्य, सूर्य अर्घ्य और धार्मिक उपाय करना लाभदायक होता है।

swati
Published:

Pitra Dosh In Kundali : ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली को व्यक्ति के जीवन का दर्पण माना जाता है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर उसकी कुंडली बनाई जाती है, जिससे उसके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुंडली में कई तरह के शुभ और अशुभ योग बनते हैं, जिनका व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

शुभ योग जहां व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाते हैं, वहीं अशुभ योग कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। ऐसा ही एक अशुभ योग है पितृ दोष, जो आर्थिक तंगी, बीमारियों, पारिवारिक कलह और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि कुंडली में पितृ दोष कैसे बनता है और इससे बचने के प्रभावी उपाय क्या हैं।

कैसे बनता है कुंडली में Pitra Dosh?

अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, मंगल और शनि लग्न भाव या पंचम भाव में स्थित हों, तो पितृ दोष बनता है। इसके अलावा, गुरु और राहु के अष्टम भाव में एक साथ होने से भी यह दोष उत्पन्न होता है।

इसके अन्य कारणों में शामिल हैं:

  • राहु का केंद्र या त्रिकोण भाव में होना।
  • सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का राहु से संबंध।

जब कुंडली में यह स्थितियां बनती हैं, तो व्यक्ति को आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और पारिवारिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।

पितृ दोष से बचने के उपाय

अगर कुंडली में पितृ दोष हो, तो इससे मुक्ति पाने के लिए कुछ खास उपाय अपनाने चाहिए…

  • बरगद के पेड़ के नीचे दीप जलाएं।
  • सूर्य को तिल मिश्रित जल अर्पित करें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए तर्पण करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें।
  • नवरात्रि में कालिका स्तोत्र का पाठ करें।
  • हर अमावस्या को ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  • चींटियों, कुत्तों, गायों और पक्षियों को भोजन कराएं।
  • अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पिंडदान और तर्पण करें।

अगर ये उपाय नियमित रूप से किए जाएं, तो पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है, और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लौट आती है।

Disclaimer: यहां दी गई सारी जानकारी केवल के सामान्य सूचना है। इसे अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।