कांग्रेस विधायक के सवाल का सरकार के पास नहीं कोई जवाब, मंत्री गौतम टेटवाल को नहीं पता प्रदेश में कितने युवा बेरोजगार

मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर सवाल उठाया, लेकिन राज्य सरकार के पास इसका ठोस जवाब नहीं था। मंत्री गौतम टेटवाल ने बताया कि रोजगार पोर्टल पर बेरोजगारों का डेटा नहीं रखा जाता और बेरोजगारी भत्ते की कोई योजना नहीं है, लेकिन बेरोजगार युवाओं को अप्रेंटिसशिप और स्व-रोजगार के माध्यम से सहायता दी जा रही है। इसके अलावा, 2023-24 में रोजगार मेलों से 53 हजार युवाओं को नौकरी के ऑफर लेटर मिले हैं।

Srashti Bisen
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MP News : मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने 2015 से 2025 तक राज्य में बेरोजगारी की स्थिति पर सवाल उठाया, लेकिन राज्य सरकार के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं था। जब इस मुद्दे पर कौशल विकास और रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने सरकार की बेरोजगारी आंकड़े रखने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक चौंकाने वाला बयान दिया।

मंत्री गौतम टेटवाल ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश के रोजगार पोर्टल पर बेरोजगारों का डेटा नहीं रखा जाता। उन्होंने कहा, “हम केवल उन युवाओं का डेटा रखते हैं जो रोजगार की तलाश में हैं और जो अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं।” इस बयान से साफ हो गया कि सरकार के पास बेरोजगारी की स्थिति की कोई पूरी तस्वीर नहीं है।

बेरोजगारी भत्ते की कोई योजना नहीं

इसके अलावा, मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता (unemployment allowance) देने की कोई योजना नहीं रखती है। हालांकि, सरकार बेरोजगार युवाओं को अप्रेंटिसशिप (apprenticeship) और स्व-रोजगार (self-employment) के माध्यम से सहायता देने की कोशिश कर रही है।

रोजगार मेलों से 53 हजार युवाओं को मिली नौकरी

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 2023-24 में लगभग 53 हजार युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से ऑफर लेटर मिले हैं, जो सरकार के रोजगार सृजन प्रयासों को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति

मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या पर अगर नजर डाली जाए, तो यह साफ नजर आता है कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार नए प्रयास कर रही है। राज्य ने रोजगार सृजन के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है, जैसे कौशल विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षण और रोजगार मेलों का आयोजन। हालांकि, बेरोजगारी भत्ते की कमी के बावजूद, सरकार का मुख्य फोकस रोजगार के नए अवसरों की दिशा में युवाओं को जोड़ने पर है, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके और वे अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।