मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी और एनटीपीसी के बीच बिजली क्रय को लेकर एक अहम अनुबंध हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। यह अनुबंध प्रदेश में दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया है। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई भी उपस्थित थे। अनुबंध पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी अविनाश लवानिया और एनटीपीसी के जनरल मैनेजर शंकर सरण ने हस्ताक्षर किए।
एनटीपीसी के पश्चिम क्षेत्र के रीजनल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीके मिश्रा ने जानकारी दी कि एनटीपीसी द्वारा नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा में स्टेज-2 के तहत 800-800 मेगावॉट की दो नई यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं। इनमें से 800 मेगावॉट बिजली मध्य प्रदेश को केंद्रीय नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों के आधार पर उपलब्ध होगी। इन यूनिट्स का उत्पादन 2030-31 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि गाडरवाड़ा के स्टेज-1 में पहले से ही 800-800 मेगावॉट की दो यूनिट्स स्थापित हैं, जिनसे मध्य प्रदेश को भी 800 मेगावॉट बिजली मिल रही है।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश के विकास में एनटीपीसी के योगदान का स्वागत किया जाता है। उन्होंने एनटीपीसी के अधिकारियों से नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कार्य करने पर चर्चा की। अपर मुख्य सचिव मंडलोई ने आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भोपाल में शामिल होने और ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुबंध पर बातचीत करने की बात की। एनटीपीसी के अधिकारियों ने न्यूक्लियर ऊर्जा, पंप स्टोरेज, नवकरणीय ऊर्जा और पावर ट्रेडिंग के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।