नई दिल्ली। चीनी निर्यातकों को जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से एक झटका मिल सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार नए सत्र से चीनी के निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को वापस लेगी। इसी कड़ी में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में सचिव सुंधाशु पांडे ने बताया कि मोदी सरकार अगले साल के लिए सब्सिडी पर विचार नहीं कर रही है। भारत अक्टूबर 2021 से शुरू हो रहे नए सत्र से चीनी निर्यात सब्सिडी वापस ले सकता है। उन्होंने कहा कि अब वैश्विक स्तर पर चीनी की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इससे चीनी को दुनिया के बाजार में बेचना आसान हो गया है। हालांकि चीनी निर्यात पर सब्सिडी की जरूरत महसूस नहीं जा रही है, लेकिन इससे चीनी निर्यातकों को काफी बड़ा झटका लग सकता है।
सुधांशु पांडे ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि सब्सिडी की अब कोई जरूरत नहीं रह गई है। वैश्विक बाजार के लिए यह बेहतर है कि भारत से चीनी के निर्यात पर कोई सब्सिडी मुहैया नहीं कराई जाए। गौरतलब है कि ब्राजील के बाद दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादकों में भारत का नाम है। वही भारत ने लगातार तीन साल तक विदेशी बिक्री को बढ़ावा दिया है। जिसकी वजह से भारत को चीनी निर्यातक के तौर पर उभरने में काफी मदद मिली है।
वहीं आपको बता दें कि, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला के बाद विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने 2019 में चीनी के लिए भारत की निर्यात सब्सिडी के खिलाफ शिकायतों पर एक समिति गठित करने का फैसला लिया था। इसके साथ ही भारत ने यह सुनिश्चत किया है कि उसकी चीनी निर्यात सब्सिडी डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन नहीं करती है।