जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। 2018 मेें विधानसभा चुनाव के दौरान बहुमत प्राप्त कर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो आ गई लेकिन यहां का हाल भी एमपी की तरह ही दो उम्मीद्वारों के बीच मुख्यमंत्री पद फंसा हुआ था। ऐसे में कांग्रेस ने उस समय तोे युवा नेताओं को यह मौका ना देकर वरिष्ठ नेताओं को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया। लेकिन अब उनका यह फैसला उनके हाथ से एमपी की सरकार को तो गिरा ही चुका है और अब तैयारी राजस्थान में भी लगभग ऐसी ही कुछ है।
दरअसल पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती सुरों के बाद से ही यहां सियासी माहौल गर्म है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब एक और खुलासा कर कहा है कि पिछले डेढ़ साल से उनकी सचिन पायलट के साथ बातचीत नहीं हुई है। जबकि पायलट उनके मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री थे। एक इंटरव्यू के दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि मैं उनसे पिछले डेढ़ साल से बातचीत नहीं कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है तभी से पायलट इसे गिराने का षडयंत्र रच रहे हैं। उन्हें पूरे मामले का समाधान निकालने के लिए पार्टी फोरम पर आना चाहिए था लेकिन अब कुछ नहीं बचा है। उन्होंने उस पार्टी को धोखा दिया जिसने उन्हें सब कुछ दिया। महत्वाकांक्षी होना गलत नहीं है लेकिन बेईमानी करना गलत है।