हरियाली तीज का पर्व आज है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि आज हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। बता दे, हरियाली तीज व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस दिन सुहागन महिला अन्न और जल का त्याग करती है। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखने का विधान बताया गया है। कहा जाता है कि व्रत का विशेष पुण्य होता है।
इस व्रत को रखने से पति की लंबी आयु होती है। वहीं दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती है। साथ ही पति पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह उत्सव भगवान शिव-माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। वहीं हरियाली तीज पर इस कथा को सुनने से व्रत का वास्तविक फल मिलेगा। आइए जानते है इस कथा के बारे में…..
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिमालयराज के घर माता पार्वती ने पुनर्जन्म लिया। बचपन से ही उन्होंने शिव को पति के रूप में पाने की कामना की थीं। समय बीतने के साथ एक दिन नारद मुनी राजा हिमालय से मिलने गए और वहां पर उन्होंने माता पार्वती से शादी के लिए भगवान विष्णु का नाम सुझाया। हिमालयराज को भी ये बात अच्छी लगी। उन्होंने विष्णु को दामाद के रूप में स्वीकराने की सहमति दे दी।
जब माता पार्वती को पता चला कि उनका विवाह विष्णु से तय कर दिया गया है तो वो काफी निराश हो गईं। भगवान शिव को पाने के लिए एकांत जंगल में चली गई वहा उन्होंने रेत से शिवलिंग बनाया और व्रत किया। शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की।
माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी इच्छा पूरी होने का वरदान दिया। दूसरी तरफ जब पर्वतराज हिमालय को माता पार्वती के मन की बात पता चली तो उन्होंने भगवान शिव से माता पार्वती की शादी के लिए तैयार हो गए। आखिरकार माता पार्वती की शादी संपन्न हो गया और तभी से इस दिन को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है।