Indore News: ढाई महीने से कोरोना से लड़ रही थी इंदौर की ये महिला, गुजराती कारीगर नई की मदद

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इंदौर की एक महिला चेन्नई एक अस्पताल में बीते ढाई महीने से कोरोना से लड़ रही थी. बताया जा रहा है कि उनके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से की काफी भारी नुकसान हुआ. उनकी हालत इतनी ज्यादा ख़राब थी की वे करीब 76 दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. दो महीने से उसके परिवार वाले ऐसे व्यक्ति की खोज में थे, जिसके फेफड़े उस महिला के काम आ सके.

जानकारी के अनुसार, आखिरकार दो महीने की तलाश के बाद सूरत में मनसुख घोटिया नाम ढाई महीने स का व्यक्ति मिला. वो डायमंड पर पॉलिश का काम करता था. उन्हें 2 अगस्त को ब्रेन स्टोक आया. डॉक्टरों ने ब्रेन-डेड घोषित कर दिया. उसके फेफड़े चैन्नई में भर्ती इंदौरी महिला के काम आ गए. शनिवार रात सूरत से तत्काल मनसुख के फेफड़े चैन्नई भेजे गए. उसके बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज चैन्नई के डॉक्टरों ने ये फेफड़े 51 साल की उस इंदौरी महिला को लगाने के काम को अंजाम दिया.

इस पूरे मामले में डोनेट लाइफ’ के नीलेश मंडलेवाला ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने मनसुख के परिवार वालों से मिलकर इस मत के लिए राजी किया कि वे उसके फेफड़े दान कर दे. नीलेश की संस्था मानव अंगों के दान को लेकर जागरूकता फैलाती है. मनसुख बीवी ने ‘डोनेट लाइफ’ की बात मानकर अपने पति के फेफड़े दान करने पर रजामंदी दे दी. इसी के साथ उसकी दोनों किडनी भी मदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिसीज एंड रिसर्च सेंटर में दान कर दी. मनसुख की आंखें सूरत के लोक दृष्टि ‘आई बैंक’ को दे दी गई. मनसुख की पत्नी ने कहा कि मेरे पति के अंगों से गरीब मरीजों की जान बचाई जा रही बाद है. ‘टोनेट लाइफ संस्था अभी तक देशभर में अंगों को दान करवाने में मदद कर चुकी है. ये संस्था सूरत में काम करती है.