दक्षिण मुंबई में इस बार फिर लालबागचा राजा का विराजमान होगा। कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए 93 साल पुराने इस गणेशोत्सव आयोजन इस साल भी किया जाएगा। पिछले साल मुंबई में कोरोना के चलते जाणेशोत्सव का आयोजन नहीं किया गया था। क्योंकि संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे थे।
लेकिन इस साल कोरोना के मरीज कम होते नजर आ रहे है जिसको देखते हुए इस बार गणेशोत्सव का आयोजन किया जाएगा। बता दे, पिछले साल मुंबई में लाल बाग के राजा के गणेशोत्सव की जगह ब्लड और प्लाज्मा डोनेशन कैंप आयोजित किया गया था। जानकारी के अनुसार, पिछले साल बोर्ड ने गणेशोत्सव के स्थान पर 11 दिन का स्वास्थ्य कैंप आयोजित किया गया था।
इस साल के बारे में बताते हुए मंडल की ओर से जानकारी दी गई है कि गणेशोत्सव को हेल्थ फेस्टिवल के रूप में ही गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी के बीच में मनाया जाएगा। ऐसे में भगवान गणेश की बड़ी मूर्ति की जगह 3-4 फीट की छोटी मूर्ति लगाई जाएगी। गणेशोत्सव में पारंपरिक रूप से पूजा-पाठ होगा। साथ ही इस दौरान अन्य आयोजन भी होंगे।
आपको बता दे, हर साल गणेशोत्सव के दौरान लाल बाग के राजा की 15 फीट से बड़ी मूर्ति लगाई जाती थी। ऐसे में कई बड़ी हस्तियां भगवान गणेश के दर्शन के लिए वहां आते हैं। बता दे, भगवान गणेश को इस आयोजन के दौरान बड़ी मात्रा में चंदा मिलता है। बताया जाता है कि इसमें सोना और चांदी जैसी बहुमूल्य चीजें भी होती हैं। हर साल पंडाल में 80 हजार से लेकर 1 लाख भक्त आते हैं।