ग्लोबल फोरम फार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट जम्मू कश्मीर सरकार एवं अखिल भारतीय व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वर्चुअल कांफ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा की भारत की अर्थव्यवस्था आज भी गांव से जुड़ी है। एमएसएमई के माध्यम से संपूर्ण देश के गांवौ में एक नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।ग्रामीण उद्योग और कुटीर उद्योग आज सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले हैं ।भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है और निर्यात में भी भारतीय उपज सर्वोपरि है। उन्होंने मध्य प्रदेश के उद्योगपति एवं व्यापारियों से आव्हान किया कि कश्मीर मैं अनंत संभावनाएं हैं ।
आज धारा 370 हटाने के बाद एक नए जम्मू और कश्मीर का उदय हुआ है । मध्य प्रदेश अपने अनुभव तकनीकी कौशल एवं पूंजी के द्वारा कश्मीर में विकास की धारा बहा सकता है। एमएसएमई के माध्यम से छोटे विभिन्न प्रकार के उद्योगों की स्थापना वहां पर की जा सकती है। जिस से बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होगा। कश्मीर में फूड इंडस्ट्री की भी संभावनाएं अत्यधिक है। जिससे निर्यात में भी वृद्धि होगी। टूरिज्म इंडस्ट्री भी एक बहुत बड़ा अवसर है ।पूरा विश्व आज वहां की सुंदरता को देखना चाहता है। एमएसएमई के विभिन्न प्रकार के क्लस्टर वहां बनाए जा सकते हैं ।
मोदी सरकार की योजना क्लस्टर के माध्यम से सामूहिक रूप से उद्योगों को बढ़ावा देने की है ।पशुपालन में भी बहुत संभावनाएं हैं ।विशेषकर उन्होंने गाय का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भी अपने आप में एक इंडस्ट्री है। जिसके दूध से डेयरी प्रोडक्ट्स कम लागत में बनाए जा सकते हैं। डीएफआईडी इंडिया के अध्यक्ष दीपक भंडारी ने संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश की सहभागिता से जो भी एमएसएमई के विकास कार्य वहां होंगे उसमें पूर्ण योगदान दिया जाएगा। मध्यप्रदेश के उद्योगपति केंद्र सरकार एवं जम्मू कश्मीर सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे एवं व्यापार और उद्योगों को एक नया आयाम प्रदान करेंगे।