धर्म नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा। बताया जा रहा है कि मंदिर में नींव भरे का काम तेजी से चलाया जा रहा है। ऐसे में इसको लेकर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में 3 तरह के अलग-अलग पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा। प्लिंथ का निर्माण मिर्जापुर के 4 लाख क्यूबिक पत्थरों से होगा। गर्भगृह में वंशीपहाड़प़ुर के लाल पत्थर का उपयोग किया जाएगा। परकोटा निर्माण में हम अलग तरह के पत्थर लगाना चाहते हैं।
आगे उन्होंने कहा कि देश में पत्थरों की कई खदानें हैं, जहां विभिन्न प्रकार के क्वालिटी वाले पत्थर हैं। ऐसी खदानों से संपर्क किया जा रहा है। साथ ही मंदिर परिसर के 5 एकड़ में परकोटा का निर्माण होना है। बताया गया है कि परकोटा निर्माण में विशेष पत्थर लगाए जाएंगे। जिसकी वजह से मंदिर परिसर की भव्यता बढ़ेगी। साथ ही ये भी जानकारी दी गई है कि नींव भराई के लिए लेयर का काम हो रहा है जिसमें अब तक छह लेयर डाली जा चुकी है। बीच-बीच में हो रही बारिश से काम बाधित हो रहा है।
आपको बता दे, ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि 2024 तक मंदिर निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। चंपत राय ने बताया कि राममंदिर निर्माण का 70 प्रतिशत काम बड़ी-बड़ी मशीनों के जरिए हो रहा है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण में श्रमदान की जरूरत ही नहीं है। गौरतलब है कि मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक अयोध्या में होने जा रही है। जो कि 13 और 14 जून को 3 बजे से सर्किट हाउस में होगी। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र 12 जून की देर शाम तक अयोध्या पहुंच जाएंगे। वे दो दिनों तक अयोध्या में रहकर मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा करने के साथ-साथ भावी योजनाओं पर मंथन करेंगे।