Bhopal: जीआई समिट की तैयारी जोरों पर, 24 – 25 फरवरी को भोपाल में जुटेंगे 30 देशों के उद्यमी

Abhishek singh
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। यह भोपाल में होने वाली पहली इन्वेस्टर्स समिट होगी, जिसे सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी ताकत झोंक रही है। समिट से पहले शहर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है, और अगले 15 दिनों में भोपाल का नज़ारा पूरी तरह बदला हुआ दिखेगा।

इस आयोजन में भारत के शीर्ष उद्योगपति, जिनमें अंबानी, अडाणी, महिंद्रा और टाटा सहित कई बड़े बिजनेस लीडर्स शामिल होंगे। इसके अलावा, जापान, स्पेन और अन्य देशों के विदेशी निवेशक भी इस समिट का हिस्सा बनेंगे।

शहर में सड़कों की स्थिति में सुधार, चल रही हैं नई परियोजनाएं

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए शहर को सजाने के लिए नगर निगम और पीडब्ल्यूडी मिलकर 12 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेंगे। इस दौरान सबसे ज्यादा राशि लाईटिंग और सड़कों के सुधार पर खर्च की जा रही है। शहर की सभी सरकारी और धरोहर इमारतों पर विशेष लाइटिंग व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, एयरपोर्ट से लेकर लालघाटी, वीआईपी रोड, पॉलीटेक्निक चौराहा, राजभवन और मंत्रालय के आस-पास की सड़कों को सुधारने का काम तेजी से चल रहा है।

समारोह में 50 प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन होंगे पेश

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए ऐसा मेन्यू तैयार किया जा रहा है, जो मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और खानपान धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करेगा। यह मेन्यू प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की विशेष डिशेस पर आधारित होगा, जिसमें मालवा, निमाड़, बुंदेलखंड और बघेलखंड की पारंपरिक और प्रसिद्ध व्यंजन शामिल होंगे। कुल 50 प्रकार के व्यंजन परोसे जाएंगे, जिनमें इंडियन, कॉन्टिनेंटल और चाइनीज जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यंजन भी होंगे। इस विशेष मेन्यू का उद्देश्य विदेशी और भारतीय मेहमानों को मध्य प्रदेश के अद्वितीय स्वाद से परिचित कराना है, ताकि राज्य की खानपान संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान मिले।

शहर की दीवारों पर बन रही हैं कलात्मक चित्रकारी की नई कृतियाँ

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से शहर की दीवारों पर कलात्मक चित्रकारी की जा रही है। वहीं, नगर निगम 84 लाख रुपये की लागत से सिविल स्ट्रक्चर वर्क, पेटिंग और विभिन्न क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण का कार्य कर रहा है। शहर में लाइटिंग के लिए लगभग पौने 4 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सड़कों के लैम्प पोस्ट, चौराहों, कॉर्नरों और पार्कों के बाहर लाइटिंग का काम करीब 92 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकारी इमारतों पर फसाड लाइटिंग पर लगभग 1 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि अन्य लाइटिंग के लिए 1 करोड़ 40 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं।