मध्य प्रदेश में आठ नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य जारी है, और इन कॉलेजों को पूरा करने के लिए दो साल का समय निर्धारित किया गया है। मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने आश्वस्त किया कि सिंहस्थ 2028 के आयोजन से पहले इन कॉलेजों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने बुधवार को अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की।
हर पहलू पर ध्यान देना जरूरी
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि स्वास्थ्य अधोसंरचना परियोजनाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में पूरा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी विभागों को प्रगति पर चल रही परियोजनाओं को समय पर समाप्त करने, साथ ही फर्नीचर, उपकरण और मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि निर्माण कार्यों के साथ-साथ इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि परियोजनाओं के पूरा होते ही सेवाएं शुरू की जा सकें। उप मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की और सुनिश्चित किया कि सभी कार्यों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए प्रगति को एमआईएस पोर्टल पर अद्यतन किया जाए।
अस्पतालों के विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता
डिप्टी सीएम शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 8 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण जारी है। इन परियोजनाओं को अगले दो वर्षों में सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें और नियमित रूप से प्रगति की निगरानी करें। किसी भी समस्या को तुरंत पहचानकर उसका त्वरित समाधान किया जाए। प्रशासनिक लापरवाही से कार्य की गति में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। शुक्ला ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों के निर्माण और उन्नयन को प्राथमिकता दी जाए, ताकि एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) से अनुमोदन प्राप्त कर मेडिकल कॉलेजों का संचालन जल्द से जल्द शुरू हो सके।
एमपी बीडीसी के द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्य
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू करने के लिए निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। यह कार्य एमपी बीडीसी द्वारा किया जा रहा है। शुक्ल ने राजगढ़, छतरपुर, दमोह, मंडला, सिंगरौली, श्योपुर, बुधनी और छिंदवाड़ा में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। इनमें से दो परियोजनाएं ब्रिज एंड रूफ, तीन परियोजनाएं बीडीसी और तीन परियोजनाएं पीआईयू द्वारा संचालित हो रही हैं। उप मुख्यमंत्री ने इन सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए और निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने की बात कही।
वर्तमान में चल रहे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य
लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग में विभिन्न निर्माण एजेंसियों द्वारा 7928 करोड़ रुपये की लागत से 3558 कार्य किए जा रहे हैं। इनमें से 403 कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 1701 कार्य प्रगति पर हैं। इनमें से स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2426 करोड़ रुपये की लागत के 2778 कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें 283 कार्य पूरा हो चुके हैं, और 1165 कार्य प्रगति पर हैं। मध्य प्रदेश भवन विकास निगम द्वारा 2475 करोड़ रुपये की लागत के 73 कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें से 62 कार्य चल रहे हैं और 8 कार्यों के लिए निविदा जारी की जा चुकी है। लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) द्वारा 1799 करोड़ रुपये के 364 कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 53 कार्य पूरे हो चुके हैं, और 273 कार्य प्रगति पर हैं। हाउसिंग बोर्ड द्वारा 462 करोड़ रुपये के 257 कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें से 49 कार्य समाप्त हो चुके हैं, और 169 कार्य प्रगति पर हैं। पुलिस हाउसिंग द्वारा 733 करोड़ रुपये के 68 कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें 18 कार्य पूरे हो चुके हैं, और 35 कार्य प्रगति पर हैं।