बदलते समय में प्लास्टिक मनी और यूपीआई के बढ़ते उपयोग ने सिक्कों की अहमियत को कम कर दिया है। नई पीढ़ी को सिक्कों की पहचान और उनके उपयोग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस खामियों को दूर करने के लिए राजधानी में एक प्रयास किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी को प्राचीन सिक्कों से परिचित कराया जा सके। राज्य संग्रहालय में “युग युगीन सिक्के” नामक प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है, जो 22 जनवरी से शुरू होकर 28 जनवरी तक चलेगी।
श्यामला हिल्स स्थित राज्य संग्रहालय में आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान, भोपाल द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में भारत में प्रचलित प्राचीन सिक्कों का संग्रह प्रदर्शित किया जाएगा। आयोजक संस्था की निदेशक डॉ. पूजा शुक्ला ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सांची बौद्ध भारतीय अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. बैद्यनाथ लाभ द्वारा किया जाएगा।
28 जनवरी को समापन, लोक गायक सुरेश प्रसाद कुशवाह की विशेष प्रस्तुति
पूरे सप्ताह चलने वाली इस प्रदर्शनी का समापन 28 जनवरी को शाम 5:30 बजे होगा। इस अवसर पर लोक गायक सुरेश प्रसाद कुशवाह का लोकगायन भी होगा। डॉ. पूजा शुक्ला ने बताया कि प्रदर्शनी में प्राचीन भारत से अब तक प्रचलित विभिन्न सिक्कों को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोजन का मकसद नई पीढ़ी को अपने देश की संस्कृति, इतिहास, परंपरा और यहां के विभिन्न युगों से परिचित करवाना है।