इंदौर आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अचानक मार्कशीट को अनिवार्य कर दिया गया था, जबकि इसकी सूचना आरटीओ अधिकारियों को नहीं थी। सोमवार को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट के लिए पहुंचे सैकड़ों आवेदकों को मार्कशीट न होने की वजह से वापस लौटना पड़ा। कर्मचारियों ने तर्क दिया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार कार्ड को आयु प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसलिए मार्कशीट अनिवार्य है। इस स्थिति की जानकारी मिलने पर आरटीओ प्रदीप शर्मा ने तुरंत हस्तक्षेप किया और नई व्यवस्था को रद्द कर पहले की प्रक्रिया को पुनः लागू कर दिया।
सारथी पोर्टल में मार्कशीट अपलोडिंग का कोई ऑप्शन नहीं
आरटीओ ने बताया कि परिवहन विभाग के ‘सारथी’ पोर्टल पर मार्कशीट अपलोड करने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक पोर्टल में यह सुविधा नहीं जोड़ी जाती, तब तक मार्कशीट की अनिवार्यता लागू नहीं की जाएगी। इसके साथ ही, आरटीओ ने एनआईसी अधिकारियों से संपर्क करके पोर्टल में यह विकल्प जोड़ने के लिए चर्चा शुरू कर दी है।
आने वाले समय में बदलेगी प्रक्रिया
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड को आयु प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसलिए मार्कशीट में दर्ज जन्मतिथि को एक वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के दौरान ही आवेदन करते समय मार्कशीट अपलोड करनी होगी, ताकि जन्मतिथि की पुष्टि के बाद ही आवेदक को टेस्ट में सम्मिलित किया जा सके।
सैकड़ों आवेदकों के लिए राहत की खबर
आरटीओ ने यह भी बताया कि जल्द ही सारथी पोर्टल में जरूरी बदलाव किए जाएंगे। तब तक आवेदकों को मार्कशीट के बिना लाइसेंस प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं होगी। इस फैसले ने सैकड़ों आवेदकों को राहत दी है, जो नई व्यवस्था के कारण कठिनाई महसूस कर रहे थे। हाल ही में आरटीओ ने विभिन्न स्थानों पर कैंप आयोजित किए हैं ताकि सभी लोगों के लाइसेंस बन सकें और वे लाइसेंस की कमी के कारण कानूनी परेशानियों में न फंसे।