भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब खिलाड़ियों के परिवार और उनकी पत्नियां पूरे दौरे के दौरान उनके साथ नहीं रह सकेंगी। बीसीसीआई ने इस पर कुछ सख्त नियम लागू करने की तैयारी कर ली है।
नए नियम क्या कहते हैं?
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई की बैठक में यह तय किया गया कि यदि कोई दौरा 45 दिनों का है, तो खिलाड़ी के परिवार को केवल 14 दिन तक उनके साथ रहने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, छोटे दौरों में यह सीमा और भी कम होगी—परिवार सिर्फ 7 दिन तक ही साथ रह सकेगा।
BCCI के इस फैसले के पीछे क्या वजहें हैं?
1. लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें
बीसीसीआई भले ही दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड हो, लेकिन खिलाड़ियों के परिवारों को पूरे दौरे पर साथ रखने में कई लॉजिस्टिक समस्याएं आती हैं।
- 2020 का ऑस्ट्रेलिया दौरा: इस दौरान खिलाड़ियों के परिवारों की संख्या 40 से अधिक हो गई थी। उनके लिए बसों और अन्य व्यवस्थाओं का इंतजाम करना मुश्किल हो गया था।
- 2019 वर्ल्ड कप: मैच टिकट्स से लेकर होटल बुकिंग तक की व्यवस्थाओं ने बीसीसीआई के अधिकारियों को परेशान कर दिया था।
2. खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित रखने का दबाव
जब खिलाड़ी अपनी पत्नियों और परिवारों के साथ होते हैं, तो वे अपने खाली समय में उनके साथ घूमने या समय बिताने में व्यस्त रहते हैं। इसका असर टीम बॉन्डिंग पर पड़ता है।
- टीम मैनेजमेंट का मानना है कि खिलाड़ियों का खाली समय साथियों के साथ बिताना जरूरी है ताकि टीम की एकजुटता बनी रहे।
- परिवार की उपस्थिति से खिलाड़ी आपस में खुलकर बात नहीं कर पाते या एक-दूसरे के कमरों में बेरोक-टोक आ-जा नहीं सकते।
3. खेल पर ध्यान बनाए रखने की जरूरत
बीसीसीआई ने यह फैसला संभवतः आने वाले बड़े टूर्नामेंट्स, जैसे चैंपियंस ट्रॉफी, को ध्यान में रखकर लिया है। खिलाड़ियों का ध्यान पूरी तरह से खेल पर केंद्रित हो, यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
दूसरी टीमें भी लेती हैं ऐसे फैसले
यह सिर्फ BCCI का फैसला नहीं है। दुनिया की कई बड़ी क्रिकेट टीमें भी इसी तरह के नियम अपनाती हैं।
- बड़े टूर्नामेंट्स से पहले खिलाड़ियों को उनके परिवार से दूर रखा जाता है ताकि वे पूरी तरह से खेल पर फोकस कर सकें।
खिलाड़ियों के परिवारों को लेकर बीसीसीआई की जिम्मेदारी
बीसीसीआई खिलाड़ियों के परिजनों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराती है।
- सफर का इंतजाम: खिलाड़ियों और उनके परिवार के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था।
- मैच टिकट्स और अन्य सुविधाएं: हर मैच में परिवारों के लिए टिकट्स का प्रबंध।
लेकिन यह जिम्मेदारी कई बार मैनेजर्स और अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन जाती है।
भविष्य के लिए सही कदम?
बीसीसीआई का यह निर्णय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- परिवार के बिना खिलाड़ी टीम के साथ अधिक समय बिताएंगे।
- खेल पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले पर खिलाड़ियों और उनके परिवारों की क्या प्रतिक्रिया होती है।