भारत के क्रिकेट जगत में एक ऐसा बल्लेबाज है, जिसकी तूफानी बैटिंग ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा से भी ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। लेकिन यह खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम से बाहर है। यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि पृथ्वी शॉ हैं, जिनकी बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की झलक मिलती है। दुर्भाग्यवश, उनके क्रिकेट करियर को इस वक्त सेलेक्टर्स ने नजरअंदाज किया हुआ है।
पृथ्वी शॉ की तूफानी बैटिंग
पृथ्वी शॉ ने अपने क्रिकेट करियर में कई धमाकेदार पारियां खेली हैं। जनवरी 2023 में असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में उन्होंने 379 रन बनाकर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। उनकी इस विस्फोटक पारी में 49 चौके और 4 छक्के शामिल थे, जो दर्शाते हैं कि वह गेंदबाजों के लिए कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं।
क्यों नहीं मिल रहा है मौका?
पृथ्वी शॉ की असाधारण फॉर्म और टैलेंट के बावजूद, उन्हें भारतीय टीम में लगातार मौका नहीं दिया जा रहा है। यह सवाल उठाता है कि क्यों एक खिलाड़ी जो किसी भी टीम को अकेले दम पर जीत दिला सकता है, उसे सेलेक्टर्स ने नजरअंदाज कर दिया है। सचिन और सहवाग की बल्लेबाजी के मुकाबले में पृथ्वी शॉ का स्टाइल भी अनोखा है, जो क्रिकेट के हर फॉर्मेट में किसी भी विरोधी को चित्त कर सकता है।
भारत के भविष्य के ओपनर पृथ्वी शॉ
सचिन और सहवाग के बल्लेबाजी के अंदाज में झलक दिखाने वाले पृथ्वी शॉ में वो सभी गुण हैं जो एक सफल ओपनिंग बल्लेबाज में होने चाहिए। अगर उन्हें ज्यादा मौके मिलते, तो वह दुनिया के किसी भी कोने में रन बना सकते हैं। फिलहाल, यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की मौजूदगी के कारण पृथ्वी शॉ को सेलेक्टर्स का कोई खास ध्यान नहीं मिल रहा है, लेकिन भविष्य में जब रोहित शर्मा संन्यास लेंगे, तब पृथ्वी शॉ भारतीय टीम के लिए एक आदर्श ओपनिंग बल्लेबाज बन सकते हैं।
2018 में जीता था वर्ल्ड कप, फिर भी क्यों नहीं मिली जगह?
पृथ्वी शॉ ने 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी की थी और टीम को जीत दिलाई थी। इसके बाद से वह इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी धमाकेदार पारियों से लोगों का ध्यान खींचते रहे। बावजूद इसके, उन्हें अब तक भारतीय टीम में पुनः मौका नहीं मिला। पृथ्वी शॉ ने 5 टेस्ट मैचों में 339 रन, 6 वनडे मैचों में 189 रन, और 79 IPL मैचों में 1892 रन बनाए हैं।
तीनों फॉर्मेट्स में खेल चुके हैं पृथ्वी शॉ
पृथ्वी शॉ भारत के लिए तीनों फॉर्मेट्स में क्रिकेट खेल चुके हैं, लेकिन अब उनकी जगह तीनों फॉर्मेट्स से चली गई है। उनका आक्रामक बैटिंग स्टाइल टेस्ट क्रिकेट को भी वनडे जैसा बनाता है। फर्स्ट क्लास मैचों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 379 रन है, जो दर्शाता है कि वह किसी भी स्थिति में बल्लेबाजी करने की क्षमता रखते हैं।
क्यों नहीं है पृथ्वी शॉ टीम इंडिया में?
पृथ्वी शॉ की सशक्त बल्लेबाजी और शानदार रिकॉर्ड के बावजूद उनकी जगह सेलेक्टर्स की नजरों में नहीं बन पा रही है। यह क्रिकेट के खेल में एक अनकही दास्तान बनकर रह गई है, जहां एक खिलाड़ी अपनी पूरी ताकत के बावजूद चयनकर्ताओं से उपेक्षित है।