उज्जैन, जो विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी है, में हर पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। 23 दिसंबर को उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व भी भव्य रूप से मनाया जाएगा। इसके लिए महाकाल की नगरी में स्थित हनुमान मंदिर में विशेष तैयारियां चल रही हैं। कुछ मंदिरों में अखंड रामायण और रामचरित मानस का पाठ होगा, वहीं अन्य मंदिरों में बाबा के शृंगार के लिए नोटों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा महाकाल वन में भी अर्तिप्रार्चीन बाल विजय हनुमान मंदिर में विशेष आयोजन की तैयारी हो रही है।
हनुमान जी का बाल रूप, दिनचर्या और पूजा की अनूठी प्रक्रिया
मंदिर के पुजारी अंजनेश शर्मा ने बताया कि हनुमान जी अपने भक्तों को बालक रूप में दर्शन देते हैं। यहां बाबा बालक के स्वरूप में विराजमान हैं। जैसे हम एक छोटे बच्चे को भोजन अर्पित करते हैं, वैसे ही हनुमान जी को भी सुबह के समय दूध, फल और खीर का भोग अर्पित किया जाता है। यहां बाबा की दिनचर्या भी छोटे बालक के जैसे होती है, और उनकी सेवा उसी प्रकार की जाती है।
महाकाल मंदिर में भव्य पूजा और महाप्रसाद वितरण
महाकाल मंदिर परिसर में स्थित बाल विजय मस्त हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय अखंड रामायण पाठ की शुरुआत हो गई है। 23 दिसंबर को हनुमान अष्टमी के अवसर पर सुबह 9 बजे मंगला आरती का आयोजन किया जाएगा। भगवान को 11,000 बेसन के लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा, जिसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। उसी दिन शाम 7 बजे मुख्य आरती होगी, और इसके बाद महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा।