उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी से 70 से ज्यादा शव तैरते मिले हैं. इन शवों के अचानक मिलने से क्षेत्र समेत पूरे देश में सनसनी है. हालांकि, स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन शवों की संख्या 100 के पार बताई जा रही है. अब इस घटना के बाद लोगों के बीच गंगा नदी के जरिए कोविड-19 महामारी फैलने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. इसके अलावा लोग मृत शरीर से भी कोविड फैलने की आशंका का सामना कर रहे हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक यह साफ नहीं है कि मृत शरीर संक्रामक हो सकते हैं या नहीं. कई एक्सपर्ट्स इस बात का खंडन करते हैं. हालांकि, दुनियाभर में अथॉरिटीज ने कोविड-19 के मामले में शवों को लेकर कई नियम तैयार किए हैं. भारत में स्वास्थ्य एजेंसियां ऐसी शवों के मामले में काफी देखरेख की सलाह देती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स की तरफ से जारी गाइडलाइंस बताती हैं कि शवों को संभालने के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बना रहता है. उन्होंने मास्क, आंखों की सुरक्षा, हैंड सैनिटाइजेशन और मृत शरीर को रखने वाले बैग को डिसइंफेक्ट करने की सलाह दी है.
एक्सपर्ट्स ने बताया कि कोरोना वायरस फैलने का मुख्य जरिया छोटी बूंदे होती हैं, जो सांस लेते, खांसते या छींकते समय बाहर निकलती हैं. वहीं, कुछ बेहद छोटी बूंदों को एयरोसोल्स कहा जाता है. ये हवा में तैर सकती हैं. वहीं, कुछ स्टडीज में संक्रमित के मल में भी कोरोना वायरस मिलने का दावा किया गया. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि मल किसी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है या नहीं, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, शरीर से निकला तरल पदार्थ कोरोना वायरस फैला सकता है.