महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को शपथ लेने के अगले ही दिन बेनामी संपत्ति ट्रिब्यूनल से बड़ी राहत मिली है। 2021 में बेनामी संपत्ति मामले में जब्त की गईं अजित पवार की संपत्तियां अब मुक्त कर दी गई हैं। दिल्ली स्थित बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश के बाद आयकर विभाग ने यह कदम उठाया। न्यायाधिकरण ने अजित पवार और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज कर दिया था।
अजित पवार के 70 से ज्यादा ठिकानों पर 7 अक्टूबर 2021 को छापेमारी की गई थी। केंद्रीय एजेंसी ने दो रियल एस्टेट ग्रुप और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद एक हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की थी, जिसका कोई स्पष्ट हिसाब नहीं था। इसके बाद आयकर विभाग ने उक्त संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की थी। इस मामले में दिल्ली स्थित बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण में सुनवाई की गई थी।
5 नवंबर को आयकर विभाग द्वारा न्यायाधिकरण ने दायर अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। इसके बाद आयकर विभाग ने उनकी जब्त की गई संपत्तियां मुक्त कर दीं। गौरतलब है कि एनसीपी नेता अजित पवार ने गुरुवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने बारामती सीट से जीत हासिल की है।
विधानसभा चुनाव 2024 में पार्टियों की रणनीति और प्रदर्शन
महायुति और महा विकास अघाड़ी के गठबंधनों के बीच विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला था, इस चुनाव में महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा ने अकेले 132 सीटें, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57, और अजित पवार गुट की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। महायुति गठबंधन के तीनों घटक दल – भाजपा, शिवसेना और एनसीपी राज्य की शीर्ष तीन पार्टियां बनकर उभरीं। वहीं, महा विकास अघाड़ी को मात्र 46 सीटें मिलीं। इसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी ने केवल 10 सीटें जीतीं।