Margshirsha Pradosh Vrat 2024: 28 या 29 नवंबर… कब हैं मार्गशीर्ष का पहला प्रदोष व्रत? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

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Margshirsh Pardosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत का आयोजन हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, और इस दिन विशेष रूप से शिव पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

Margshirsh Pardosh Vrat 2024: तारीख और समय

इस वर्ष, मार्गशीर्ष मास का कृष्ण पक्ष 28 नवंबर, 2024 को त्रयोदशी तिथि के साथ शुरू हो रहा है, और इसका समापन 29 नवंबर को होगा। इस दिन प्रदोष व्रत के लिए कंफ्यूजन की स्थिति थी, लेकिन पंचांग के अनुसार 28 नवंबर को ही प्रदोष व्रत किया जाएगा, क्योंकि यह तिथि 28 नवंबर की शाम से लेकर 29 नवंबर की सुबह तक रहेगी।

28 नवंबर को गुरुवार का दिन होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।

Margshirsh Pardosh Vrat 2024: व्रत के लाभ

28 नवंबर को प्रदोष व्रत के दिन विशेष सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम 4:01 बजे तक रहेगा। इस दौरान चित्रा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, जो विशेष रूप से वैवाहिक जीवन और पारिवारिक सुख-शांति के लिए लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस समय में पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और सुख, समृद्धि, तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है।

Margshirsh Pardosh Vrat 2024: शुभ मुहूर्त

28 नवंबर को प्रदोष व्रत पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 6:23 बजे से रात 8 बजे तक है। इस समय में पूजा और शिव आराधना करने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Margshirsh Pardosh Vrat 2024: महत्व

शिव पुराण में वर्णन है कि प्रदोष व्रत सबसे उत्तम व्रत है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। खासतौर पर गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और कई प्रकार के संकट समाप्त हो जाते हैं।

यह व्रत विशेष रूप से विजय, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा और धन में वृद्धि के लिए लाभकारी है। इसके अलावा, यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला है और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है। प्रदोष व्रत, विशेष रूप से गुरु प्रदोष व्रत, एक महान अवसर है भगवान शिव की उपासना करने का और जीवन में सुख, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त करने का। मार्गशीर्ष माह का यह व्रत विशेष रूप से अत्यधिक फलदायी है और इस दिन शिव की पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।