पश्चिम बंगाल के कोलकाता के नालपुर इलाके में आज सुबह सिकंदराबाद से शालीमार आ रही एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में अब तक किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं मिली है, और संबंधित अधिकारी घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
हादसे की जानकारी
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना आज सुबह लगभग 5:31 बजे हुई जब सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन एक उपयुक्त लाइन से डाउन लाइन पर जा रही थी और अचानक तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें एक पार्सल वैन और दो अन्य डिब्बे शामिल हैं। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, और घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी प्रबंधन को लेकर सक्रिय हैं।
यात्रा व्यवस्था और हेल्पलाइन नंबर
इस हादसे के बाद प्रभावित यात्रियों के लिए आगे की यात्रा की व्यवस्था की गई है। दक्षिण पूर्व रेलवे ने 10 बसों की व्यवस्था की है ताकि यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही, रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिनकी मदद से वे ताजा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
- शालीमार: 6295531471
- संतरागाछी: 98312 43655, 89102 61621
- खड़गपुर (रेलवे): 63764
- हावड़ा: 75950 74714
- पी/टी: 032229-3764
पिछले सप्ताह भी हुए थे रेल हादसे
यह रेल दुर्घटना पिछले कुछ दिनों में भारत में हुए कई रेल हादसों का हिस्सा है। पिछले सप्ताह तमिलनाडु और असम में भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं। तमिलनाडु में बोडिनायकनुर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन का पहिया पटरी से उतर गया था, जबकि असम के लुमडिंग-बदरपुर इलाके में मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतर गया था, जिससे संबंधित रूट पर कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ।
भारतीय रेलवे के आंकड़े और दुर्घटनाओं में कमी
भारतीय रेलवे में पिछले कुछ सालों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कोलकाता में ब्रेथवेट एंड कंपनी का निरीक्षण करते हुए बताया था कि 10 साल पहले भारत में प्रति वर्ष 171 रेल दुर्घटनाएं होती थीं, जो अब घटकर 40 रह गई हैं। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में भारतीय रेलवे की 17 जोन से 200 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 351 लोगों की मौत और 970 लोग घायल हुए।
हालांकि इस घटना में अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह रेल दुर्घटनाएं भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और बचाव कार्यों की गंभीरता पर एक और सवाल खड़ा करती हैं। अधिकारियों द्वारा राहत कार्यों की गति और यात्रियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं, और इस दिशा में रेलवे की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।