Maharashtra Vidhansabha Election : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली और छठ के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत की। वह शुक्रवार को धुले और नासिक में जनसभाओं के जरिए उत्तर महाराष्ट्र में BJP का जनाधार मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। यह रैलियां BJP के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं क्योंकि उत्तर महाराष्ट्र हमेशा से पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन हाल के समय में समीकरण बदलने के कारण BJP के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं।
BJP का उत्तर महाराष्ट्र पर फोकस
उत्तर महाराष्ट्र में 35 विधानसभा सीटें हैं, जो कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करती थीं, लेकिन अब बीजेपी और शिवसेना का प्रभुत्व है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में BJP ने यहां शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन 2019 में बीजेपी ने इस क्षेत्र में 20 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस और NCP की सीटों में गिरावट आई।
PM मोदी का चुनावी शेड्यूल
प्रधानमंत्री मोदी का चुनावी अभियान 9 नवंबर को अकोला और नांदेड़ में रैलियों से शुरू होगा, जिसके बाद 12 नवंबर को चंद्रपुर, चिमूर, सोलापुर और पुणे में रैलियां आयोजित की जाएंगी। 14 नवंबर को वे संभाजीनगर, नवी मुंबई और मुंबई में रैलियां करेंगे, जहां उनकी रणनीति मुंबई बेल्ट की 36 सीटों पर फोकस करने की है।
उत्तर महाराष्ट्र में BJP के सामने सियासी चुनौतियां
उत्तर महाराष्ट्र में BJP की स्थिति मजबूत होने के बावजूद इस क्षेत्र में पार्टी को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान असंतोष और मुस्लिम-मराठा वोटों का एकजुट होना बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बन सकता है। नासिक, जलगांव, धुले और नंदुरबार जैसे क्षेत्रों में किसानों की नाराजगी साफ दिख रही है, खासकर प्याज की उपज से जुड़ी समस्याएं।
BJP की चुनावी रणनीति
BJP ने उत्तर महाराष्ट्र में सियासी समीकरण को दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को प्राथमिकता दी है। पार्टी को यह समझ में आ चुका है कि अगर किसानों की नाराजगी और OBC वोटों का खिसकना जारी रहा, तो आगामी चुनावों में उत्तर महाराष्ट्र में उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है। PM मोदी की रैलियों के माध्यम से बीजेपी यहां अपनी ताकत फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।