90 वर्षों से छप रहा “गुजरात समाचार” आज देश के लिए पहला भाषाई अख़बार बन गया है। इस अख़बार ने पीएम मोदी को बाकायदा पहले पन्ने पर “डिक्टेटर” कहा। आपको बता दे, कोरोना की महामारी से जब हजारों लोग मर रहे हैं तब पीएम मोदी के 22000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और नए प्रधानमंत्री आवास को लेकर मोदी की ज़िद और प्राथमिकताओं पर “गुजरात समाचार” ने तीखे सवाल खड़े किए हैं।
अभी तक पीएम मोदी कोरोना महामारी से निपटने में हो रही लापरवाही और अक्षमताओं को लेकर सिर्फ विदेशी समाचार पत्र और देश के कुछ अंग्रेजी अखबार ही लिख रहे थे। लेकिन आज जिस तरह से 1932 में स्थापित गुजरात समाचार ने अपने पहले पन्ने पर पीएम मोदी की प्राथमिकताओं और उनकी और संवेदनशील नीतियों पर सवाल उठाया है उससे भाषाई अखबारों को सच लिखने के लिए ताकत मिलेगी।
आपको बता दे, मध्यप्रदेश का दैनिक भास्कर महामारी की ईमानदार पर रिपोर्टिंग कर रहा है। वहीं गुजरात समाचार के बाद अब देश के अन्य हिंदी और भाषाई समाचार संस्थानों को नैतिक मिला है कि वह सच्चाई के साथ असली मुद्दों को उजागर करें।दरअसल, जब-जब भी देश में तानाशाही प्रवृत्तियां का उदय हुआ है तब गुजरात ने ही आगे बढ़कर मोर्चा संभाला है। इंदिरा का गांधी की इमरजेंसी का पहला विरोध “गुजरात नवनिर्माण आंदोलन” से ही चालू हुआ था।