कहाँ गए Share Market के अच्छे दिन? अक्टूबर में रहा 4 साल का सबसे खराब प्रदर्शन

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By Srashti BisenPublished On: October 24, 2024

Share Market : अक्टूबर 2024 में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को निराश किया है। इस महीने के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 5 फीसदी और एनएसई निफ्टी में समान गिरावट देखी गई है। यह गिरावट कोरोना काल के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है।

Share Market : निवेशकों की निराशा

हर दिन निवेशक उम्मीद के साथ बाजार में प्रवेश करते हैं कि कुछ शेयरों में तेजी आएगी, लेकिन दिन के अंत में जब उनका पोर्टफोलियो और भी खराब होता है, तो निराशा में कारोबार बंद कर देते हैं। यह स्थिति बाजार में गिरावट का संकेत देती है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या शेयर बाजार के अच्छे दिन लौटेंगे।

Share Market : कोविड-19 के बाद सबसे बड़ा करेक्शन

मार्च 2020 में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की घोषणा के समय 23 फीसदी की गिरावट आई थी। अक्टूबर 2024 में 5 फीसदी की गिरावट उस समय के बाद से सबसे अधिक है। इससे पहले जून 2022 में भी 5 फीसदी की गिरावट देखी गई थी, जबकि पिछले चार सालों में 4 फीसदी से अधिक की गिरावट केवल कुछ महीनों में ही आई है।

Share Market : निवेशकों का पैसा स्वाहा

अक्टूबर 2024 में लगभग 29 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण घट गया है। यह गिरावट आईपीओ बाजार में तेजी के बाद आई है, जब बड़े-बड़े कंपनियों ने बाजार से भारी धन जुटाया था। लेकिन अब की स्थिति में, निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

Share Market : विदेशी निवेश का प्रवाह

हाल के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार से 82,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवाह चीन की ओर हो रहा है, जहां सरकार ने आर्थिक सुधारों के लिए कई कदम उठाए हैं।

Share Market : अमेरिका की स्थिति और FPI का रुख

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की संभावनाओं के कारण भी निवेशकों का रुख बदल रहा है। यहां महंगाई कम होने और ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के चलते विदेशी निवेशक अमेरिकी बाजार की ओर बढ़ रहे हैं।

Share Market : SEBI के नियमों में बदलाव

हाल ही में बाजार नियामक सेबी ने वायदा और विकल्प के नियमों में बदलाव किए हैं। इस बदलाव का असर छोटे व्यापारियों पर पड़ सकता है, जिसके चलते वे इक्विटी की ओर भी रुख कर रहे हैं। इससे भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

Share Market : अंतर्राष्ट्रीय तनाव और सुरक्षित निवेश

वैश्विक स्तर पर तनाव, जैसे कि इज़राइल और ईरान के बीच संघर्ष, ने निवेशकों को सोने और चांदी में सुरक्षित निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। भारत में सोने की कीमतें 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार और चांदी की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति किलो से अधिक हो गई हैं, जिससे शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिली है।

अक्टूबर 2024 में शेयर बाजार की गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। वैश्विक आर्थिक स्थितियों, विदेशी निवेश के प्रवाह और सेबी के नए नियमों ने मिलकर इस स्थिति को जन्म दिया है। भविष्य में क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।