Gold Price: भारत में दिवाली के अवसर पर सोने की मांग तेजी से बढ़ रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमतें 78,000 रुपये के पार पहुँच गई हैं, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। इस साल के दौरान, वायदा बाजार में सोने ने प्रति 10 ग्राम में 15,000 रुपये से अधिक का लाभ दिया है, जो कि लगभग 24 प्रतिशत का रिटर्न है।
80,000 रुपये का स्तर: क्या संभव है?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या दिवाली से पहले सोने की कीमतें 80,000 रुपये के स्तर को पार करेंगी। यदि ऐसा होता है, तो इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत में 500 से 2000 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
बढ़ती मांग के कारण
सोने की मांग में इस वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारी सीजन है, साथ ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में संभावित कटौती भी एक प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त, भूराजनीतिक तनाव के चलते भी निवेशक सोने को सुरक्षित ठिकाने के रूप में देख रहे हैं, जिससे कीमतों में वृद्धि हो रही है।
वायदा बाजार की स्थिति
हालांकि, हाल की मुनाफावसूली के बावजूद, सोमवार को सोने की कीमत 78,460 रुपये की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँची। व्यापार सत्र के दौरान सोने की कीमत 78,077 रुपये पर बंद हुई, लेकिन दिन के निचले स्तर पर यह 77,868 रुपये तक गिर गई।
निवेशकों का लाभ
चालू वर्ष में सोने से निवेशकों को 24 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। पिछले साल सोने की कीमत 63,203 रुपये थी, जबकि वर्तमान में यह 78,460 रुपये तक पहुँच गई है। जुलाई में आयात शुल्क में कटौती के बाद सोने की कीमतें 68,389 रुपये पर थीं, और तब से अब तक इसमें लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दिवाली तक कीमतों का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहा, तो दिवाली तक सोने की कीमत में 2000 रुपये की वृद्धि हो सकती है, जिससे कीमत 80,000 रुपये के स्तर तक पहुँच सकती है। पिछले 10 दिनों में सोने की कीमत में 3,163 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है, जो कि तेजी से बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, सोने की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारी मांग और भूराजनीतिक तनाव है। वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में मंदी के माहौल में निवेशक अब सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो इसकी कीमतों को और भी बढ़ा रहा है।