कैलाश विजयवर्गीय पर कसा तंज, कहा- झूठ ना परोसे

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इंदौर – मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उस बयान जिसमे उन्होंने कहा कि “ इंदौर में कोरोना मैनेजमेंट देश में सबसे अच्छा है , बड़े-बड़े शहरों में ऑक्सीजन का संकट लेकिन इंदौर में ना कोई हाहाकार मचा , ना किसी की ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हुई “ पर प्रतिक्रिया वक्त करते हुए कहा कि कैलाश विजयवर्गीय जी अभी परदेसी वाली स्थिति में हैं।कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में वो पूरे समय प.बंगाल चुनाव प्रचार में ही लगे रहे , ख़ुद उनके मुताबिक ही वो अभी 2 दिन के लिए ही इंदौर आये हैं ,इसलिये वो शहर – प्रदेश की स्थिति से पूरी तरह से अनजान है।

कैलाश जी को अपने अल्प प्रवास पर इंदौर शहर के मुक्तिधामो-कब्रस्तानो में जाकर इस महामारी के दौरान हुई मृत्यु के आंकड़े लेना चाहिए , उन्हें प्रतिदिन अस्पतालों के बार दम तोड़ते मरीजों को देखने जाना चाहिए , बेड के अभाव में भटकते मरीज और उनके परिजनों को देखना चाहिए , अस्पतालो में जाकर आक्सीजन की वास्तविक स्थिति का पता करना चाहिए , फिर इस तरह का सफ़ेद झूठ बोलना चाहिए ?

इंदौर शहर में कई अस्पतालो ने ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है , इस बाबद सूचना बोर्ड भी लगा दिए हैं , प्रतिदिन शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हाहाकार मचता है ,मरीजों की साँसे ऊपर-नीचे होती रहती है , कई अस्पतालो में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को तुरंत अस्पताल ख़ाली करने का फरमान सुना दिया जाता है , कई अस्पतालों ने भर्ती होने वाले मरीजों से पहले से ही लिखवा कर रखा है कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली जनहानि के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे , ऑक्सीजन ब इलाज के अभाव में शहर में प्रतिदिन लोग घरों पर ही दम तोड़ रहे हैं , ऑक्सीजन के सिलेंडर भरवाने के लिए लाइनें लगी पड़ी है , इंदौर के गुर्जर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से पांच के करीब लोगों की मौत की जानकारी सभी के सामने आ चुकी है और इन सब के बावजूद कैलाश जी कह रहे हैं इंदौर शहर में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं , यह तो शहरवासियो के साथ बड़ा मज़ाक़ है ?

सलूजा ने बताया कि कहने को तो यह मुख्यमंत्री के सपनों का शहर है लेकिन यहाँ की सुध लेने की मुख्यमंत्री जी को भी अभी तक फुर्सत नहीं मिली है।यहाँ अस्पतालों में ना बेड ख़ाली है , ना ऑक्सीजन है , ना जीवन रक्षक दवाइयां व इंजेक्शन है। यहां लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है , रोज़ अस्पतालो के बाहर दम तोड़ते मरीजों की तस्वीरें सामने आती है , अस्पतालों के बाहर बेड के इंतज़ार में मरीज़ों को ऑक्सीजन लगाये बैठे उनके परिजनो की तस्वीरें रोज सामने आती है।मुक्तिधाम व कब्रस्तानो के बाहर वेटिंग की स्थिति है , मुक्तिधाम शवों से भरे पड़े है , निजी अस्पतालों की लूट- खसोट जारी है , एम्बुलेंस तक लोगों को नहीं मिल रही है , शवों को ले जाने के लिये लोगों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है और कैलाश जी आप इंदौर की स्थिति ठीक बताकर शहरवासियो का मज़ाक़ उड़ा रहे है ?

आपको इंदौर शहर में टिक कर अपना ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता है ,परदेसी होने के कारण इंदौर शहर के बारे में आपको अब ज्यादा जानकारी नहीं है। आपने यह सही कहा है कि इंदौर में भाजपा के जनप्रतिनिधियों के कारण मैनेजमेंट अच्छा है। इंदौर शहर में सिर्फ़ दिखावटी मैनेजमेंट ही चल रहा है , आपकी पार्टी के नेताओ की दिखावटी मैनेजमेंट भरी बैठके , ऑक्सीजन के टैंकरों के सामने खड़े होकर फ़ोटोबाज़ी , जश्न , उत्सव , श्रेय की राजनीति ही चल रही है।मैदान से सब ग़ायब है , जनता के सुख- दुःख से इन्हें कोई लेना- देना नहीं है। रेमड़ेसिविर इंजेक्शन ज़रूरतमंदो को नहीं मिल रहे है लेकिन इनके घरों के बाहर से बँट रहे है और ज़रूरतमंद जनता को यही कालाबाज़ारी में मिल रहे है।