केंद्र सरकार ने प्याज किसानों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को समाप्त कर दिया है। पहले, प्याज के निर्यात पर 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू था, जिसे अब हटा दिया गया है। इस निर्णय से प्याज के निर्यात पर खुलापन आएगा और किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
निर्यात शुल्क में कमी
हालांकि, प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क के बारे में अभी भी स्पष्टता नहीं है, लेकिन इस फैसले से किसानों को राहत मिली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने इस कदम की सराहना की है। शिंदे ने इस निर्णय को किसानों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे प्याज के निर्यात में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
अन्य कृषि उत्पादों के लिए निर्णय
- सोयाबीन और खाद्य तेल पर शुल्क में वृद्धि: खाद्य तेल के आयात पर पहले कोई शुल्क नहीं था, अब 20% शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा, रिफाइंड सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल पर सीमा शुल्क 12.50% से बढ़ाकर 32.50% कर दिया गया है। इससे सोयाबीन उत्पादकों को उच्च मूल्य मिलेगा।
- बासमती चावल के निर्यात पर एमईपी समाप्त: बासमती चावल के निर्यात के लिए भी न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस निर्णय को महाराष्ट्र के प्याज किसानों के लिए बड़ी राहत बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी केंद्र सरकार के इस कदम को सराहा और इसे किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्रांतिकारी निर्णय बताया।