हिमाचल प्रदेश में मंडी मस्जिद के अवैध हिस्से पर चलेगा बुलडोजर, बहाल करनी होगी पुरानी स्थिति, कोर्ट ने जारी किया आदेश

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हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में जेल रोड पर स्थित मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच, अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कोर्ट कमिश्नर एचएच राणा ने मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि मस्जिद की पुरानी स्थिति को बहाल किया जाना चाहिए। मुस्लिम पक्ष को इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने बताया कि वे अपनी पहल पर ही अवैध हिस्से को तोड़ रहे हैं, ताकि आपसी भाईचारा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखा जा सके।

मंडी में तनाव और हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन

शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद विवाद के बाद अब मंडी के जेल रोड पर मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर तनाव बढ़ गया है। शुक्रवार को हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की और छोटे काशी से मुस्लिम समुदाय को हटाने की भी अपील की। उनका आरोप था कि मस्जिद का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है। विरोध रैली सेरी मंच से शुरू होकर पूरे बाजार और सकोडी चौक तक पहुंची। प्रशासन ने विरोध को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछारों का उपयोग किया।

प्रशासन ने धारा 163 लागू की और पुलिस बल तैनात किया

विरोध के बढ़ते हुए हालात को देखते हुए, मंडी प्रशासन ने धारा 163 (पूर्व में 144) लागू कर दी है। भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है और शहर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। मस्जिद के आस-पास भी अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

मस्जिद कमेटी का बयान

मस्जिद कमेटी के सदस्य इकबाल अली ने बताया कि अक्टूबर 2023 में मस्जिद के निर्माण के लिए नगर निगम में नक्शा पास करने का आवेदन दिया गया था। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि लोक निर्माण विभाग से एनओसी लेना आवश्यक है। जब पीडब्ल्यूडी विभाग ने आपत्ति जताई और नोटिस भेजे, तो मस्जिद कमेटी ने बिना किसी दबाव के अवैध हिस्से को तोड़ने का निर्णय लिया, ताकि सामाजिक सौहार्द बनाए रखा जा सके।

शिमला में भी हुआ प्रदर्शन

इससे पहले शिमला के संजौली इलाके में भी एक मस्जिद परिसर के अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसमें पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़े, तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और लाठीचार्ज का सहारा लिया।