प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश उत्सव की पूजा की। इस अवसर पर पीएम मोदी और सीजेआई ने मिलकर पूजा अर्चना की और इस पल की एक तस्वीर प्रधानमंत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा की।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस धार्मिक समारोह को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है और इसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए आलोचना की है। शिवसेना सांसद (यूबीटी) प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर टिप्पणी की कि उम्मीद है कि पूजा समाप्त होने के बाद सीजेआई संविधान के अनुच्छेद 10 के उल्लंघन के मामलों पर स्वतंत्रता से सुनवाई करेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि चुनाव के मद्देनजर यह समारोह टाला जा सकता था।
संजय राउत का बयान
संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी के सीजेआई के घर जाने पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव के दौरान एक-दूसरे के घर जाना सामान्य बात है, लेकिन पीएम मोदी का सीजेआई के घर जाकर पूजा करना विवाद का विषय बन गया है। राउत ने आरोप लगाया कि इस प्रकार के संपर्क से न्याय की स्वायत्तता पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मामलों में सीजेआई को खुद को केंद्र सरकार से अलग रखना चाहिए ताकि न्यायिक निष्पक्षता बनी रहे।
बीजेपी का बचाव
बीजेपी ने विपक्षी आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी और सीजेआई के बीच की बैठक और पूजा को राजनीति से जोड़ना गलत है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जब प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस इफ्तार पार्टियों में मिलते थे, तो उस पर कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक लाभ के लिए सीजेआई की संस्था को विवादों में घसीट रहे हैं।
कांग्रेस पर आरोप
संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारत गठबंधन के ‘ए’ का मतलब जानने में समय लिया, और इसे तुष्टिकरण, अपराध और अहंकार के साथ जोड़ने की कोशिश की। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों का अहंकार ही सीजेआई की संस्था को राजनीति में घसीटने का कारण है। इस प्रकार, पीएम मोदी और सीजेआई चंद्रचूड़ की पूजा को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।