चंडीगढ़ पुलिस वर्तमान में एक गंभीर घटना की जांच कर रही है जिसमें गैंगस्टर और आतंकवादी दोनों एंगल की छानबीन की जा रही है। इस हमले के विशिष्ट तरीके ने संकेत दिए हैं कि इसके तार सीमा पार बैठे आतंकियों से जुड़े हो सकते हैं। इसमें गैंगस्टर से आतंकवादी बने लखबीर लांडा का नाम प्रमुख रूप से उभर कर सामने आया है।
लखबीर लांडा का संदिग्ध लिंक
लखबीर लांडा, जो पाकिस्तान में मारे गए आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का करीबी सहयोगी है, पर मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हुए आरपीजी हमले के पीछे भी उसकी संलिप्तता का शक है। इस संदर्भ में, चंडीगढ़ पुलिस ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है।
पुलिस की उच्च स्तरीय टीम का गठन
इस मामले की जटिलता को देखते हुए, डीजीपी सुरिंदर सिंह यादव के नेतृत्व में आईजी राजकुमार और एसएसपी कंवरदीप कौर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी जांच में शामिल हैं। चंडीगढ़ पुलिस को अब तक कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं, जो जांच की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।
विस्फोट की घटना का विवरण
घटना के समय, हिमाचल प्रदेश से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल केके मल्होत्रा और उनका परिवार उनके घर के बरामदे में बैठे हुए थे। केके मल्होत्रा किताब पढ़ रहे थे और जैसे ही वे अंदर गए, बाहर विस्फोट की घटना घटी। परिवार के सदस्यों ने भी हमलावरों को देखा और उनका विवरण प्रदान किया।
विस्फोट की प्रकृति और प्रभाव
विस्फोट एक होम पार्क में हुआ, जिससे एक 8 इंच गहरा गड्ढा बन गया। इस विस्फोट ने पार्क में लगे फूल के गमले और घर की बाहरी खिड़कियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि विस्फोट की सूचना परिवार ने आपातकालीन नंबर 112 पर दी। यह एक दबाव विस्फोट था, जिससे घर के अंदर रखे बर्तन और शीशे टूट गए। परिजनों ने बताया कि घटना के समय ऑटो में दो लोग मौजूद थे, जिन्होंने विस्फोट की घटना को अंजाम दिया। पुलिस अब मकान में रहने वाले किरायेदारों और पूर्व में रह चुके लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।